
उनके साथ उनकी पत्नी लॉरेंस वोंग, कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे। यह यात्रा भारत-सिंगापुर संबंधों को मजबूत करने का एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यात्रा के दौरान 4 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी और लॉरेंस वोंग के बीच द्विपक्षीय चर्चा (Bilateral Discussion) होगी। इस दौरान वोंग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उनसे बातचीत करेंगे। इस मुलाकात में दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने पर जोर होगा।
सिंगापुर भारत का अहम साझेदार है, खासकर ‘एक्ट ईस्ट’ (Act East)नीति के तहत। पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया था।
अब लॉरेंस वोंग की यह यात्रा उस साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मौका होगी। यह यात्रा इस साल भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, जो दोनों देशों की मजबूत दोस्ती को दर्शाता है।
दोनों प्रधानमंत्री इस दौरान अपने देशों के बीच सहयोग की समीक्षा करेंगे और भविष्य के लिए नई योजनाएं बनाएंगे। व्यापार, तकनीक और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। साथ ही, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों नेता अपनी राय साझा करेंगे। इस यात्रा से भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते और मजबूत होंगे।
वहीं, दोनों देशों के लोग इस यात्रा को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच नई परियोजनाएं शुरू हो सकती हैं। सरकार ने मेहमानों के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा एशिया में शांति और विकास के लिए भी अहम होगी।
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