Sri Lanka Crisis: बीते दिनों श्रीलंका से स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। इसी सब के बीच शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में धावा बोल दिया। श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग ज़ोरों पर है। इसके बाद राजपक्षे ने घोषणा की कि वो अब अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
इसी स्थिति पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि श्रीलंका के लोगों के साथ भारत खड़ा है। चूंकि भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है और पूर्व काल से ही दोनों देशों में एक मजबूत संबंध रहा है। और आज वो कठिन दौर से उबरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में हम उनके इस चुनौतीपूर्ण काल में उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा, भारत श्रीलंका के साथ है, क्योंकि वो लोकतांत्रिक तरीकों, मूल्यों और संवैधानिक मार्ग के माध्यम से समृद्धि और प्रगति की ओर बढ़ना चाहते हैं। इसी क्रम में बागची ने श्रीलंका के संकटग्रस्त परिस्थिति से उबरने के लिए भारत की वित्तीय सहायता का भी उल्लेख किया।
बागची ने पिछली सहायता विवरण बताते हुए कहा कि श्रीलंका भारत की 'पड़ोस पहले' (Neighbourhood First) की नीति में प्रमुख स्थान पर है, इसिको ध्यान में रखते हुए भारत ने श्रीलंका के आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस वर्ष सहायता के रूप में 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि दी है।
बता दें कि पिछले कई महीनों से श्रीलंका एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहाँ की जनता भोजन, ईंधन और दवाओं की भारी कमी से त्रस्त हैं। इसी स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रपति राजपक्षे ने मई में रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।