15 मासूमों की मौत के जिम्मेदार निकले 2 पाकिस्तानी, सिडनी में कत्लेआम मचाने वाले बाप-बेटे की कहानी, ऐसी रची थी साजिश

14 दिसंबर 2025 की शाम को सिडनी के बॉन्डी बीच पर दो आतंकवादी बंदूक लेकर आए और ताबड़तोड़ गोलियों की बरसात करनी शुरू कर दी। इसमें 15 लोगों की मौत हो गई जबकि 40 लोग से ज्यादा घायल हो गए।
फोटो में एक तरफ घायल व्यक्ति, दूसरी तरफ हमलावर
सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समुदाय पर आतंकवादी हमला हुआX
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Summary
  • 14 दिसंबर 2025 को सिडनी के बॉन्डी बीच पर आतंकी हमला, करीब 15 लोगों की मौत।

  • हमला पिता-पुत्र साजिद और नावेद अकरम ने किया, साजिद मारा गया और नावेद घायल अवस्था में पकड़ा गया।

  • भारत, अमेरिका और इज़राइल सहित कई देशों के नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की।

14 दिसंबर 2025 की शाम समंदर की लहरें हमेशा की तरह शांत थीं। शाम ढल रही थी और बच्चे से लेकर बड़े तक हनुक्का त्यौहार मना रहे थे। हनुक्का यहूदियों का त्यौहार होता है। सिडनी के बॉन्डी बीच पर सैकड़ों की तादाद में यहूदी लोग इकट्ठा थे, जश्न का माहौल था लेकिन इसी बीच कुछ मिनटों में चीखें गूँजने लगीं।

लोग इस जगह को यादगार बनाने आए थे, जगह यादगार तो बनी, लेकिन जश्न वाली नहीं बल्कि खौफनाक वाली। कोई समझ नहीं पाया कि एक जश्न वाली शाम कैसे इतिहास की सबसे डरावनी रात बन गई? ये एक आतंकवादी हमला था, जिसने इंसानियत को बहुत बड़ा जख्म दिया।

जी हाँ, सिडनी के बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को स्थानीय समयानुसार लगभग शाम 6:45 बजे आतंकवादी हमला हुआ। अब तक इसमें 15 लोगों के मौत की खबर सामने आ चुकी है।

तो चलिए आज जानते हैं कि अब तक इस घटना के बाद से क्या-क्या हुआ है? दुनिया ने क्या प्रतिक्रिया दी, भारत की तरफ से क्या कहा गया और सबसे खास बात कि इस बार भी एक आतंकवादी देश पाकिस्तान का नाम इसमें शामिल है।

क्या हुआ सिडनी की शाम को?

14 दिसंबर 2025 की शाम को सिडनी के बॉन्डी बीच पर दो आतंकवादी बंदूक लेकर आए और ताबड़तोड़ गोलियों की बरसात करनी शुरू कर दी। इसमें 15 लोगों की मौत हो गई जबकि 40 लोग से ज्यादा घायल हो गए। इसमें 10 साल की बच्ची के साथ 27 वर्षीय फ्रांसीसी नागरिक, डैन एल्केमैन, और रब्बी एली श्लैंगर के भी मारे जाने की खबर है। महज 6 मिनट के भीतर कोहराम मच गया। उस समय यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का त्यौहार मना रहे थे।

दोनों हमलावरों की पहचान पिता-पुत्र के रूप में हुई है। पिता का नाम साजिद अकरम (50 वर्ष) और बेटे का नाम नावेद अकरम (24 वर्ष) है। हमलावर साजिद अकरम को तो पुलिस ने घटना स्थल पर ही ढेर कर दिया जबकि नावेद अकरम गोलीबारी में घायल हो गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर अस्पताल में भर्ती कराया और आगे की जाँच में जुट गई है। फिलहाल, नावेद स्थिर स्थिति में है। बता दें कि इस आतंकी हमले के करीब 10 मिनट का वीडियो भी सामने आया है।

पाकिस्तान से है साजिद अकरम का कनेक्शन

तस्वीर में एक तरफ आतंकवादी, दूसरी तरफ आतंकवादी को पकड़ता एक व्यक्ति
सिडनी के बॉन्डी बीच पर हमला करने वाला आतंकवादी X

इस आतंकी हमले के बाद जब पुलिस जाँच में जुटी, तो यह पता चला कि साजिद अकरम का कनेक्शन पाकिस्तान से है। वो 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आया था। बाद में उसने इसे पार्टनर वीजा में बदल लिया। इसके बाद से ही वो रेजिडेंट रिटर्न वीजा पर था। इसके साथ ही कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि साजिद अकरम पाकिस्तानी सेना का रिटायर जनरल है।

वहीं, नवीद अकरम के बारे में यह कहानी सामने आई है कि साल 2022 में उसे एक सोशल मीडिया पोस्ट पर टैग किया गया था जिसमे ये कहा था कि उसने पश्चिमी सिडनी के हेकेनबर्ग में स्थित अल-मुराद संस्थान में कुरान की पढ़ाई पास की है।

दोनों के पास मिले लाइसेंस वाले बंदूक

पुलिस ने जब जाँच की तब पता चला कि बाप-बेटे दोनों के पास छह बंदूकें रखने का लाइसेंस था और पुलिस के मुताबिक गोलीबारी में दोनों ने उन सभी बंदूकों का इस्तेमाल किया था। वहीं, पुलिस अधिकारीयों ने यह भी साफ़ कर दिया कि इस घटना में कोई और शामिल नहीं था।

इस आतंकी घटना में दोनों ने भीड़ पर गोलीबारी के लिए लंबे वाले बंदूकों का इस्तेमाल किया था। बता दें कि जब दोनों बाप-बेटे गोलियां चला रहे थे, तो घटना स्थल पर करीब 1000 लोग हनुक्का त्यौहार मना रहे थे।

एक आम नागरिक ने दिखाई हिम्मत

सिडनी के बॉन्डी बीच पर जब दो आतंकी गोली चला रहे थे, तब अचानक साजिद अकरम को एक व्यक्ति पीछे से पकड़ता है और उसके हथियार को छीन लेता है और उसपर बंदूक तान देता है। डर की वजह से साजिद पुल की तरफ अपने बेटे के पास भागता है लेकिन हमलावर पर कई दिशा से पुलिस फायरिंग शुरू कर देती है। इसके बाद गोली लगने से साजिद की वही मौके पर मौत हो जाती है।

पिता को गोली लगता देख नवीद गुस्से में आकर पुलिस पर फायरिंग करता है लेकिन गोली लगने के कारण वो गिर जाता है। वो दोबारा उठता है, निशाना साधने की कोशिश करता है लेकिन फिर गोली लगती है और जमीन पर गिरकर छटपटाने लगता है और फिर नहीं उठ पाता है। उस आम नागरिक ने अगर हिम्मत नहीं दिखाई होती, सोचिये त्रासदी कितनी बड़ी हो सकती थी।

आतंकवाद को खत्म करने की खाई कसम

एक तरफ प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज दूसरी तरफ रोती हुई महिला
सिडनी में आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की प्रेस कॉन्फ्रेंस X

सिडनी में हुए आतंकी हमले से ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज़ को काफी दुःख पहुंचा। उन्होंने कड़े शब्दों में इस हमले की कड़ी निंदा की। पीएम ने साफ़ कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम कहते हैं कि यह एक सुनियोजित हमला था। इसमें यहूदी समुदाय को निशाना बनाया गया। यह घटना “हमारे देश के दिल पर हमला” है।

उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना ज़ाहिर की और बताया कि अधिकारी स्थिति पर काम कर रहे हैं ताकि आगे की जानकारी जारी की जा सके। उन्होंने जनता से पुलिस के निर्देशों का पालन करने की भी अपील की।

पीएम अल्बानीज़ ने साफ़ कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया में नफरत, हिंसा और आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी।

विश्व पटल के नेताओं की प्रतिक्रिया

ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले पर विश्व पटल के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत इस दुःख की घड़ी में ऑस्ट्रेलिया और पीड़ितों के साथ खड़ा है। इंडिया भी आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति रखता है।

अमेरिका की तरफ से विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि "यहूदी-विरोधी का इस दुनिया में कोई जगह नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे "भयानक हमला" और "पूरी तरह से यहूदी-विरोधी हमला" बताया।

वहीं, इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने यहूदी-विरोधी भावनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की।

साथ ही ब्रिटेन और फ़्रांस के राष्ट्रपति ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की। कीर स्टारमर ने इसे “गहरा परेशान करने वाला और भयानक” बताया जबकि एमानुएल मैक्रॉं ने इसे “नफ़रत और हिंसा का कृत्य” करार दिया।

भारत में भी हुआ था ऐसा ही कृत्य

तस्वीर में एक तरफ भारतीय सेना, दूसरी तरफ रोते हुए लोग
पहलगाम आतंकवादी हमले के दौरान की तस्वीर X

गौरतलब है कि भारत में भी इस प्रकार का हमला 2 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहल्गाम में हुआ था। पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने वहां मौजूद पर्यटकों पर गोलीबारी की थी और धर्म पूछकर लोगों को मौत के घाट उतरा था। इसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था।

7 मई 2025 को पाक पर जवाबी कार्यवाई की गई और इसे नाम दिया गया 'ऑपरेशन सिंदूर"। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में करीब 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों/कैम्प्स को सीधे निशाना बनाकर तबाह किया था। इसमें लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद का ठिकाना भी शामिल था। रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 90 से 100 आतंवादियों के मारे जाने की खबर थी।

हर आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ

भारत में एक शिक्षक हैं, जिनका नाम है 'खान सर', एक बार पढ़ते समय उन्होंने पाकिस्तान की तुलना कुत्ते से कर दी थी। उन्होंने पाकिस्तान का नक्शा दिखाया और कहा कि ये बिल्कुल कुत्ते की तरह दिखता है। ये काफी हद तक सच भी है लेकिन वो कहते हैं ना कुत्ता वफादार होता है लेकिन ये पाकिस्तान पर लागू नहीं होता है। कुत्ते की एक कहावत पाकिस्तान पर जरूर लागू होती है, और वो है कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं हो सकती है। ये हाल पाकिस्तान का है। दुनिया भर में थू-थू होने के बावजूद भी यहाँ के हुक्मरान अपने मुल्क को सुधारने की जरा भी कोशिश नहीं कर रहे हैं।

भारत में हुए 26/11 को देख लीजिये, या 1993 में अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बम धमाका को देख लीजिये। लंदन 7/7 बम धमाके (2005) या काबुल, जलालाबाद, हेरात में बड़े हमले। अगर लिस्ट देखने बैठ जाएं, तो सुबह से शाम हो जाएगी। ये कहना गलत नहीं है कि आज पूरी दुनिया में मुसलमान सिर्फ पाकिस्तान के कारण बदनाम हैं।

जब तक पाकिस्तान की सत्ता आतंकवाद को दाना-पानी देती रहेगी, ये देश पूरी दुनिया के लिए सिरदर्दी बना रहेगा। ऐसे में ये समस्या एक घटना की नहीं बल्कि एक सोच, एक सिस्टम और एक इतिहास की है और जब तक सोच नहीं बदलेगी, दुनिया पाकिस्तान के वादों पर तो क्या उनके कर्मों पर भी भरोसा नहीं करेगा।

फोटो में एक तरफ घायल व्यक्ति, दूसरी तरफ हमलावर
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