जिनेवा (Gevena) में यूएनएचसीआर (UNHCR) ने कहा कि उत्पीड़न, संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों (Human Rights) के उल्लंघन और गंभीर रूप से परेशान करने वाली घटनाओं के कारण अपने घरों से जबरन विस्थापित हुए लोगों की संख्या 2022 की पहली छमाही में बढ़कर 103 मिलियन हो गई, जिसका अर्थ है कि दुनिया में 77 लोगों में से एक को जबरन विस्थापित किया गया है। शुक्रवार को जारी यूएनएचसीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह 2021 के अंत की तुलना में 13.6 मिलियन या 15 प्रतिशत की वृद्धि है, जो बेल्जियम, बुरुंडी या क्यूबा की पूरी आबादी से अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में शरणार्थियों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरत वाले लोगों की कुल संख्या 24 प्रतिशत बढ़कर 2021 के अंत में 25.7 मिलियन से 2022 के मध्य तक 32 मिलियन हो गई। इस साल जून के अंत में, सभी शरणार्थियों में से आधे से अधिक (56 प्रतिशत) सीरियाई, वेनेजुएला या यूक्रेनी थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022 के मध्य में, तुर्की (Turkey) ने 3.7 मिलियन शरणार्थियों की मेज़बानी की, जो दुनिया भर में सबसे बड़ी शरणार्थी आबादी है। कोलंबिया 2.5 मिलियन शरणार्थियों के साथ दूसरे और जर्मनी (Germany) 2.2 मिलियन शरणार्थियों के साथ तीसरे स्थान पर है, इसके बाद पाकिस्तान (Pakistan) और युगांडा (1.5 मिलियन प्रत्येक) हैं।
यूएनएचसीआर की रिपोर्ट ने यह भी दिखाया गया है कि निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे शरण चाहने वालों की संख्या 2022 के अंत में 4.6 मिलियन से 2022 के मध्य तक 4.9 मिलियन हो गई थी।
इस वर्ष की पहली छमाही में, संघर्ष और हिंसा के कारण 9.6 मिलियन से अधिक नए विस्थापन की सूचना मिली। विशाल बहुमत यूक्रेन (Ukraine) में था, जो सभी नए आंतरिक विस्थापन के 74 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।
इसी अवधि के दौरान, इथियोपिया के टाइग्रे क्षेत्र के साथ-साथ म्यांमार, बुर्किना फासो, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मोजाम्बिक और कांगो में भी लोगों के विस्थापन की सूचना मिली।
आईएएनएस/RS