
व्हाइट हाउस (White House) ने सोमवार को इस योजना की घोषणा की। इस मौके पर ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि अगर हमास इस प्रस्ताव को मान लेता है तो सभी बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा और युद्ध खत्म हो जाएगा। लेकिन चेतावनी भी दी कि अगर हमास ने इसे ठुकरा दिया तो इजरायल को उनका पूरा समर्थन मिलेगा ताकि वह हमास के खतरे को खत्म कर सके।
ट्रंप ने कहा, "अब समय आ गया है कि हमास उस योजना की शर्तों को स्वीकार करे जो हमने आज सामने रखी है। मैं सुन रहा हूं कि हमास इसे पूरा करना चाहता है। अगर हमास इस योजना को अस्वीकार करता है, तो हमास के खतरे को खत्म करने के काम को पूरा करने के लिए इजरायल को मेरा पूरा समर्थन प्राप्त होगा।"
नेतन्याहू (Netanyahu) ने भी इस योजना का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह इजरायल के युद्ध लक्ष्यों को पूरा करता है, लेकिन अगर हमास नहीं मानता तो “काम पूरा किया जाएगा।”
गाजा (Gaza) के लिए ट्रंप की शांति योजना में एक अस्थायी तकनीकी सरकार की स्थापना का प्रावधान है। इजरायल गाजा पर कब्जा नहीं करेगा और किसी भी निवासी को जबरन बाहर नहीं निकाला जाएगा। समझौते में युद्ध को तत्काल समाप्त करने का प्रावधान है, बशर्ते इसे स्वीकार कर लिया जाए और सभी बंदियों, जीवित और मृत, को 72 घंटों के भीतर वापस लौटा दिया जाए।
गाजा (Gaza) की देखरेख के लिए “बोर्ड ऑफ पीस” नाम की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था बनेगी, जिसका नेतृत्व ट्रंप करेंगे। इसमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे। यह संस्था गाजा के पुनर्निर्माण का ढांचा और आर्थिक मदद तय करेगी, जब तक कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण सुधार कर नियंत्रण संभालने को तैयार न हो जाए।
जो हमास सदस्य शांति स्वीकार करेंगे उन्हें माफी मिलेगी और बाकी को विदेश जाने का सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा। गाज़ा की सुरक्षा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय बलों के हाथ में होगी, जो फिलिस्तीनी पुलिस को प्रशिक्षण भी देंगे। मानवीय सहायता भी तय स्तर पर पहुंचाई जाएगी। अमेरिका आगे की शांति वार्ता में भी मदद करेगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक में फिलिस्तीन मिशन के प्रमुख रियाद मंसूर ने कहा कि फिलिस्तीन प्राधिकरण अमेरिका, सऊदी अरब, यूरोप और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, "हम राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिकी प्रशासन, सऊदी अरब और क्षेत्रीय शक्तियों, आपके यूरोपीय सहयोगियों और इस प्रतिष्ठित सुरक्षा परिषद के सदस्यों, और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने की फिलिस्तीन की तत्परता दोहराते हैं।"
यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 1200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया। माना जाता है कि लगभग 48 लोग अभी भी बंदी हैं, और लगभग 20 जीवित हैं। इस बीच, गाज़ा (Gaza) में अब तक 66,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और ज़्यादातर इलाका खंडहर में बदल चुका है।
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