संयुक्त राष्ट्र महासभा की चौथी समिति ने इजरायल-फिलिस्तीनी मुद्दों पर चार प्रस्तावों को अपनाया

फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान में कहा कि फिलिस्तीन ने प्रस्ताव के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र के वोट और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय समर्थन का स्वागत किया है।
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फिलिस्तीन (Palestine) ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा द्वारा पेश किए प्रस्तावों में चार प्रस्तावों को अपनाने का फैसला किया है। इसमें एक फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली बस्तियों को अवैध करार देना भी शामिल है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान में कहा कि फिलिस्तीन ने प्रस्ताव के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र के वोट और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय समर्थन का स्वागत किया है।

अल-मलिकी ने कहा, ये फैसले हमारे फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों की पुष्टि करते हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण आत्मनिर्णय का अधिकार और फिलिस्तीनी (शरणार्थियों) का अपने घरों में लौटने का अधिकार है।

शुक्रवार को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) की चौथी समिति ने इजरायल-फिलिस्तीनी मुद्दों पर चार प्रस्तावों को अपनाया, जिनमें से दो फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के जनादेश का विस्तार करने और फिलिस्तीनी शरणार्थियोंको सहायता प्रदान करने के पक्ष में थे।

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बाकी दो प्रस्ताव फिलिस्तीनी शरणार्थियों की संपत्ति और उनके राजस्व के पक्ष में हैं। इसके अलावा, यह प्रस्ताव पूर्वी यरुशलम (Jerusalem) और सीरियाई गोलन समेत कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायली बस्तियों और प्रथाओं के खिलाफ हैं।

फिलिस्तीनी 1967 में इजरायल (Israel) के कब्जे वाले क्षेत्रों में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य स्थापित करना चाहते हैं, जिसमें वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी के रूप में शामिल किया गया है।

आईएएनएस/RS

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