अमेरिका के प्रमुख विशेषज्ञ ने ट्रंप की भारत से जुड़ी रणनीति की आलोचना की

वाशिंगटन, 2 सितंबर को अमेरिका के एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ और शिकागो विश्वविद्यालय (University of Chicago) में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मियर्सहाइमर ने ट्रंप प्रशासन की 'भारत नीति' को एक 'भारी भूल' करार दिया है। उन्होंने कहा कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाना काम नहीं करेगा।
अमेरिका के प्रमुख विशेषज्ञ ने ट्रंप की भारत से जुड़ी रणनीति की आलोचना की
अमेरिका के प्रमुख विशेषज्ञ ने ट्रंप की भारत से जुड़ी रणनीति की आलोचना कीIANS
Published on
2 min read

उन्होंने पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म 'डैनियल डेविस डीप डाइव' (Daniel Davis Deep Dive)को बताया, "यह हमारी ओर से एक बहुत बड़ी भूल है। यकीन करना मुश्किल है, लेकिन यहां क्या हो रहा है? ये सेकेंडरी टैरिफ भारत के साथ काम नहीं करेंगे। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वे रूस से तेल का आयात बंद नहीं करेंगे। भारतीय झुकने वाले नहीं हैं।"

उन्होंने ट्रंप पर भारत के साथ 'शानदार' संबंधों को 'जहरीला' करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी कहा, "जब ट्रंप पिछले जनवरी में व्हाइट हाउस में आए, तो अमेरिका और भारत के बीच संबंध वाकई बहुत अच्छे थे, और चीन को नियंत्रित करने के लिए, जो कि हमारी विदेश नीति का प्रमुख मिशन है, भारत के साथ अच्छे संबंध होना जरूरी है। लेकिन, तब से और अब इन सेकेंडरी प्रतिबंधों के साथ जो हुआ है, वह यह है कि हमने भारत के साथ संबंधों को 'जहरीला' कर दिया है।"

उन्होंने हाल ही में एक जर्मन अखबार की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चार अलग-अलग मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करने की असफल कोशिश की थी।

उनके मुताबिक, "भारतीय हमसे बहुत नाराज हैं, लगभग पूरी तरह से। ट्रंप ने पीएम मोदी को चार बार फोन करने की कोशिश की और उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, भारत चीन और रूस के करीब जा रहा है। यह न सिर्फ कारगर है, बल्कि वास्तव में नुकसानदेह भी है। फिर भी, हम यहीं हैं।"

उन्होंने व्यापार और विनिर्माण पर व्हाइट हाउस (White House) के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नवारो ने ऐसी असफल रणनीति का नेतृत्व किया, जिसका कोई 'सुखद अंत' नहीं है।

उन्होंने कहा, "पीटर नवारो जैसे लोगों को छोड़कर, कोई भी इस कदम की सराहना नहीं कर रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसका सुखद अंत कैसे हो सकता है? क्या वे यह तर्क देंगे कि भारत झुकने वाला है या भारत पर इतना दबाव है कि हम भारतीयों को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं? क्या यही तर्क है? मैं ऐसा किसी को नहीं जानता, जो ऐसा मानता हो, और भारत ने अब तक जो कुछ भी किया है, उससे यही लगता है कि यह तर्क गलत है।"

[SS]

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com