इन दिनों एक दुर्लभ मुखौटा चर्चा में है जिसकी कीमत को लेकर बड़ा फसाद खड़ा हो गया है। दरअसल जिस मुखौटे के लिए इतनी खींचातानी चल रही है वह कलाकृति गबोन का एक पारंपरिक फैंग मुखौटा है। जिसका इस्तेमाल शादियों मैं किया जाता है। बताया जा रहा है कि यह मुखौटा बेहद दुर्लभ है जो की दुनिया भर के म्यूजियम में एक दर्जन से भी कम है। दरअसल ये मुखौटा सेंट्रल अफ्रीकी देशों के बाहर काफी खास माना जाता है। हाल ही में इस मुखोटे को लेकर एक बुजुर्ग दंपति ने एक कला डीलर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जिसके पीछे की वजह है मुखोटे की कीमत तो चलिए आपको विस्तार में बताते हैं कि यह मुखौटा क्यों इतना खास है।
दरअसल बुजुर्ग दंपति को जब यह बात पता चली की मुखौटा उस आर्ट डीलर ने 13000 में ख़रीदा और बाद में नीलामी के ज़रिए उसे 36 करोड़ में बेचा तो यह बुजुर्ग दंपति ने उस पर कैसे कर दिया।
मेंनऑनलाइन के अनुसार फ्रांस के निम्स के इस 80 साल के जोड़े ने 2021 में अपना घर खाली कर दिया था जब उन्होंने एंगल अफ्रीकी मुखौटा बेचने का फैसला किया। उन्होंने इस मुखोटे को एमआर जट्ट के नाम से मशहूर एक आर्ट डीलर को 129 पाउंड में बेचा था लेकिन उन्होंने तुझे महीने बाद एक नीलामी में मास्क को 3.6 मिलियन पाउंड में बेच दिया।
द मेट्रो न्यूज के अनुसार यह कलाकृति गाबोन के फैंग्स लोगों से प्राप्त किया गया है। और इसका उपयोग शादियों मैं किया जाता है वे अफ्रीकी देश के बाहर एक दुर्लभ दृश्य है दुनिया भर के संग्रहालय में केवल कुछ ही पाए जाते हैं। परीक्षण के अनुसार मुखौटा 19वीं साड़ी का है और अदालत दस्तावेज इस वस्तु को अपने दुर्लभता के मामले में और साधारण बताते हैं निम में कैपिलरी कोर्ट ने फैसला सुनाया की कपल का केस सैद्धांतिक रूप से सही प्रतीत होता है बताया जा रहा है कि कोर्ट ने मामले के अंत तक मास्क की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
मास्क की इतनी बड़ी कीमत होने के बारे में फ्रांसीसी जोड़े को उसे वक्त पता चला जब उन्होंने अखबार में बिक्री के बारे में पड़ा अब कपल एमआर जट्ट पर मुकदमा कर रहे हैं
क्योंकि उनका मानना है कि उन्होंने उन्हें धोखा दिया। बताया जा रहा है कि यह मुखौटा बुजुर्ग महिला के पति के दादा फ्रांस लाए थे जो अफ्रीका में कॉलोनियल गवर्नर थे।