मैं अगर एक्टर नहीं होता, तो किसान या राजनीति में होता: Pankaj Tripathi

Pankaj Tripathi ने 'फुकरे', 'मसान', 'निल बटे सन्नाटा', 'बरेली की बर्फी', 'न्यूटन', 'स्त्री', 'लूडो' और 'मिमी' जैसी फिल्मों में शानदार काम किया है।
मैं अगर एक्टर नहीं होता, तो किसान या राजनीति में होता: Pankaj Tripathi
मैं अगर एक्टर नहीं होता, तो किसान या राजनीति में होता: Pankaj Tripathi IANS
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बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) आज सिनेमा की दुनिया में जहां हैं, वहां पहुंचने में उन्हें लगभग दो दशक लग गए। अभिनेता ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर वह शोबिज की दुनिया में नहीं होते, तो वह किसान होते या राजनीति में अपना करियर बना रहे होते।

पंकज वर्तमान में अपनी अपकमिंग फिल्म 'Sherdil: The Pilibhit Saga' की रिलीज के लिए तैयार हैं, जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित है।

आईएएनएस से बातचीत में Pankaj Tripathi ने कहा, "मैं अगर एक्टर नहीं होता, तो किसान होता। मेरे पिता किसान थे और यह मेरा पुश्तैनी काम था। मैं खेती करता या शायद मैं राजनीति में होता।"

45 वर्षीय स्टार पंकज त्रिपाठी ने 2004 में 'रन' और 'ओंकारा' में एक छोटी भूमिका के साथ शुरूआत की थी, लेकिन उनको सफलता साल 2012 में 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली।

मैं अगर एक्टर नहीं होता, तो किसान या राजनीति में होता: Pankaj Tripathi
पंकज त्रिपाठी: अभिनय में मेरा सफर 'शेरदिल' का है

Pankaj Tripathi ने 'फुकरे', 'मसान', 'निल बटे सन्नाटा', 'बरेली की बर्फी', 'न्यूटन', 'स्त्री', 'लूडो' और 'मिमी' जैसी फिल्मों में शानदार काम किया।

इसके अलावा, पंकज ने 'मिर्जापुर', 'क्रिमिनल जस्टिस', 'योर्स ट्रूली' और 'क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' जैसी वेब सीरीज में भी काम किया।

एक्टर ने कहा, "मेरा एक्टिंग करियर एक लंबी कहानी है। मुझे इस लाइन में दिलचस्पी थी और इसके लिए मैंने खेती और छात्र राजनीति छोड़ दी और सिनेमा की तरफ आ गया। मुझे नहीं पता कि मैं सफल हूं या नहीं, लेकिन मुझे यहां तक पहुंचने में 15-20 साल लग गए।"
(आईएएनएस/PS)

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