By – सुमित कुमार सिंह
खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने बताया है कि भारत में आतंकवादी भेजने के लिए पाकिस्तान पंजाब और जम्मू क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) का इस्तेमाल कर रहा है।
एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को यहां भेजने के लिए बार-बार प्रयास कर रहा है और इसके लिए वह पंजाब और जम्मू क्षेत्र का इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार की सुबह जम्मू क्षेत्र में नगरोटा के पास मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकवादियों ने भी सांबा सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र से घुसपैठ की थी और वे श्रीनगर जा रहे थे।
बुधवार रात को उन्होंने भारतीय धरती पर तब घुसपैठ की थी, जब पाकिस्तान सांबा सेक्टर में मोर्टार और भारी मशीनगनों का इस्तेमाल करते हुए भारी गोलीबारी कर रहा था।
इस घटना के बाद सीमा सुरक्षा बल ने भारत में आतंकवादियों को भेजने के पाकिस्तानी के प्रयास के बारे में केंद्र शासित प्रदेश में सभी सुरक्षा प्रतिष्ठानों को अलर्ट कर दिया है। भारत में घुसने के लिए आतंकवादी आईबी क्षेत्र का उपयोग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भारतीय सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ विरोधी ग्रिड स्थापित की हुई है, जिसके चलते आतंकियों को वहां से घुसपैठ कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
भारतीय खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है, "पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस को सर्दियां शुरू होने से पहले कश्मीर में हथियारों के साथ ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को भेजने का अल्टीमेटम दिया गया है। क्योंकि सर्दी बढ़ने पर ओस और बर्फबारी के कारण घुसपैठ वाले अधिकांश क्षेत्रों में झाड़ियां आदि खत्म हो जाएंगी। इसी के चलते अब वे जम्मू और पंजाब सेक्टरों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा का उपयोग कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर को भारत से अलग करके पाकिस्तान में लाना है। साल 2000 में स्थापना के बाद से ही इस समूह ने जम्मू-कश्मीर में कई हमले किए हैं। यह कश्मीर को पूरे भारत के लिए एक 'प्रवेश द्वार' समझता है।
खुफिया एजेंसी ने कहा, 'कश्मीर की आजादी के बाद इसका मकसद सारे हिंदुओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित कराना है।'
जेईएम को पाकिस्तान के आईएसआई की मदद से बनाया गया था, जो कश्मीर और अन्य जगहों पर लड़ने के लिए इसका उपयोग करता है और लगातार उसे मदद करता है। (आईएएनएस)