अपने हिंदू विरोधी कर्तव्य के लिए प्रसिद्ध साम्यवादी(communist) विचारधारा से ग्रसित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ(JNUSU) एक बार फिर से सुर्खियों में है। अबकी बार वह जिस वजह से सुर्खियों में है वह है बाबरी मस्जिद(Babri Masjid)। दरअसल, जेएनयूएसयू ने अयोध्या(ayodhya) में ध्वस्त बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर कैंपस के अंदर एक विरोध मार्च निकाला। विरोध मार्च चंद्रभागा छात्रावास में समाप्त हुआ, जहां छात्र नेताओं ने जमकर नारेबाजी और भाषण बाजी करी।
इसके अलावा एक जगह पर तख्तियां लिए हुए, नारेबाजी करते हुए जमा हो गए और बाद में उन्होंने परिसर के अंदर मार्च निकाला। छात्र नेताओं ने मस्जिद(Babri Masjid) के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर भाषण भी दिया। जेएनयूएसयू(Janusu) के उपाध्यक्ष साकेत मून(Saket Moon) ने कहा कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण से न्याय मिलेगा। उपाध्यक्ष जी न्याय दिलवाने की बात करके मस्जिद के निर्माण की बात कर रहे हैं, लेकिन शायद वह भूल गए कि राम मंदिर(Ram Mandir) आज सुप्रीम कोर्ट (supreme Court) द्वारा किए गए न्याय पर मिल रहा है।
इनके अलावा जेएनयूएसयू(JNUSU) अध्यक्ष आइशी घोष(Aishe Ghosh) ने कहा कि बाबरी मस्जिद(Babri Masjid) के बाद भाजपा(BJP) का अगला निशाना काशी है और उन्होंने (BJP) इस पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, "हम इस दिन बाबा साहब को याद कर रहे हैं। हम नागालैंड में नागरिकों की हत्या की भी निंदा कर रहे हैं। भाजपा और आरएसएस ने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया है, लेकिन वे हमें धर्म, कानून और व्यवस्था के नाम पर बांट रहे हैं।"
अपको बता दें, जेएनयू प्रशासन(JNU Administration) ने हाल ही में विरोध प्रदर्शन नहीं करने की चेतावनी दी थी, लेकिन छात्र संघ(JNUSU) ने फिर भी विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को छात्रसंघ ने परिसर में एक शो का भी आयोजन किया जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस पर आधारित एक फिल्म दिखाई गई। एडमिन ने छात्रों से कहा था कि ऐसी कोई भी फिल्म का प्रसारण न करें अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta