करौली हिंसा: एक हिन्दू महिला ने पेश किया मानवता का धर्म

करौली हिंसा (Twitter)
करौली हिंसा (Twitter)
Published on
2 min read

राजस्थान के करौली में रामनवमी के दौरान जब हिंसा भड़क उठी तो यहां की 48 साल की महिला मधुलिका सिंह(Madhulika Singh) ने उग्र भीड़ का सामना करते हुये 15 लोगों को सुरक्षित बचाया, जिसमें से अधिकतर मुस्लिम थे। मधुलिका अपने पति के निधन के बाद से गत पांच साल से करौली में कपड़ों की दुकान चला रही हैं। रामनवमी के दिन जब यात्रा निकली तो अचानक उन्हें लोगों की चीख-पुकार सुनाई दी। इस इलाके में मुस्लिमों की तादाद अधिक है।

मधुलिका(Madhulika Singh) ने कहा,"लोग भाग रहे थे। दुकानों के शटर गिराये जा रहे थे। सबने कहा कि दंगे भड़क गये। मैंने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का दरवाजा बंद कर दिया और जो लोग वहां छुपने के लिये आये थे उन्हें नहीं घबराने के लिये कहा। मैंने उन्हें बचाया क्योंकि मानवता सबसे बड़ा धर्म है।"

मधुलिका सिंह (Twitter)

करीब 15 लोगों ने मधुलिका सिंह(Madhulika Singh) को कहा कि वे डरे हुये हैं और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे वहां से भागें या रूकें। मधुलिका के अनुसार, भीड़ ने गेट तोड़ने की कोशिश की लेकिन उन्होंने ऐसा करने से रोका।

मधुलिका(Madhulika Singh) के इस साहस के कारण अपनी जान बचाने वाले मोहम्मद तालिब और दानिश ने कहा कि मधुलिका दीदी ने ही उनकी जान बचाई और उन्हें परेशान नहीं होने के लिये कहा। उसी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सैलून चलाने वाले मिथिलेश सोनी ने कहा कि उन्होंने तथा अन्य तीन महिलाओं ने बाल्टी में पानी भरकर आग की लपटें बुझाने की कोशिश की।

आईएएनएस(LG)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com