सभी देशों के लिए उपलब्ध होगा कोविड टीकाकरण प्रौद्योगिकी मंच कोविन : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड टीकाकरण (Vaccination) के लिए हमारा प्रौद्योगिकी मंच कोविन जल्द ही सभी देशों के लिए उपलब्ध होगा। (Wikimedia Commons)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड टीकाकरण (Vaccination) के लिए हमारा प्रौद्योगिकी मंच कोविन जल्द ही सभी देशों के लिए उपलब्ध होगा। (Wikimedia Commons)

कोविन वैश्विक सम्मेलन 2021 (Covin global conference 2021) में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड टीकाकरण (Vaccination) के लिए हमारा प्रौद्योगिकी मंच कोविन जल्द ही सभी देशों के लिए उपलब्ध होगा। आज का यह सम्मेलन आप सब को इस मंच से अवगत कराने की दिशा में पहला कदम है। यह ऐसा मंच है, जिसके जरिए भारत ने कोविड वैक्सीन की 350 मिलियन खुराक दी हैं। कुछ दिन पहले हमने एक दिन में करीब 90 लाख लोगों को टीके लगाए थे। उन्हें कुछ भी साबित करने के लिए कागज का टुकड़ा ले जाने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि यह सब डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध है। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि सॉफ्टवेयर को किसी भी देश में उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित किया जा सकता है।

आज की वैश्विक दुनिया में अगर महामारी के बाद की दुनिया में हमें सामान्य स्थिति में लौटना है, तो ऐसा डिजिटल दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि सॉफ्टवेयर को किसी भी देश की स्थानीय जरूरतों के अनुकूल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण मानवता के लिए सबसे अच्छी उम्मीद है। शुरूआत से ही हमने भारत में अपनी टीकाकरण की रणनीति की योजना बनाते समय पूरी तरह से डिजिटल दृष्टिकोण अपनाने का निर्णय लिया था। आज की वैश्विक दुनिया में अगर महामारी के बाद की दुनिया में हमें सामान्य स्थिति में लौटना है, तो ऐसा डिजिटल दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। आखिरकार, लोगों को यह सिद्ध करने में सक्षम होना चाहिए कि उन्हें टीका लगाया गया है। ऐसा प्रमाण सुरक्षित और भरोसेमंद होना चाहिए। लोगों के पास यह भी रिकॉर्ड होना चाहिए कि उन्हें कब, कहां और किसके द्वारा टीका लगाया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि यह देखते हुए कि टीके की प्रत्येक खुराक कितनी मूल्यवान है, सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए चिंतित हैं कि प्रत्येक खुराक पर नजर रखी जाए और वैक्सीन की कम से कम बर्बादी हो। लेकिन ऐसा पूर्ण रूप से डिजिटल ²ष्टिकोण के बिना संभव नहीं है। (आईएएनएस-SM)

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