बनारसी पान समेत अन्य को मिला GI टैग

मशहूर बनारसी पान(Banarasi Paan) को भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला है।
बनारसी पान समेत अन्य को मिला GI टैग(IANS)

बनारसी पान समेत अन्य को मिला GI टैग(IANS)

Published on
2 min read

न्यूज़ग्राम हिंदी: मशहूर बनारसी पान(Banarasi Paan) को भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला है। यह टैग दर्शाता है कि किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान के उत्पादों में ऐसे गुण होते हैं, जो उस मूल के कारण होते हैं। अपने लजीज स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान खास सामग्री से अनोखे तरीके से बनाया जाता है।

पद्म पुरस्कार से सम्मानित जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत ने कहा कि बनारसी पान के साथ, वाराणसी के तीन अन्य उत्पादों बनारसी लंगड़ा आम, रामनगर भांटा (बैंगन) और आदमचीनी चावल को भी जीआई टैग मिला है।

इसके साथ, काशी क्षेत्र अब 22 जीआई टैग उत्पादों का दावा करता है।

नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) उत्तर प्रदेश के सहयोग से, कोविड चरण के दौरान 20 राज्य-आधारित उत्पादों के लिए जीआई आवेदन दायर किए गए थे।

इनमें से 11 उत्पाद, जिनमें सात ओडीओपी और काशी क्षेत्र के चार उत्पाद शामिल हैं, को नाबार्ड और योगी आदित्यनाथ सरकार की मदद से इस साल जीआई टैग मिला है।

रजनीकांत ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के जीआई उत्पादों को बनाने में कारीगरों सहित कुल 20 लाख लोग शामिल हैं, जिनमें वाराणसी के लोग भी शामिल हैं।

इन उत्पादों का सालाना कारोबार 25,500 करोड़ रुपये आंका गया है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि अगले महीने के अंत तक बाकी नौ उत्पादों को भी देश की बौद्धिक संपदा में शामिल कर लिया जाएगा।

इनमें बनारस का लाल पेड़ा, चिरईगांव गूसबेरी, तिरंगी बर्फी, बनारसी ठंडाई और बनारस लाल भरवा मिर्च आदि शामिल है।

इससे पहले, काशी और पूर्वांचल क्षेत्र में 18 जीआई उत्पाद थे। इनमें बनारस ब्रोकेड और साड़ी, हस्तनिर्मित भदोही कालीन, मिजार्पुर हस्तनिर्मित कालीन, बनारस मेटल रेपोसी क्राफ्ट, वाराणसी गुलाबी मीनाकारी, वाराणसी लकड़ी के लाख के बर्तन और खिलौने, निजामाबाद काली पत्री, बनारस ग्लास शामिल थे। बीड्स, वाराणसी सॉफ्टस्टोन जाली वर्क, गाजीपुर वॉल हैंगिंग, चुनार सैंडस्टोन, चुनार ग्लेज पटारी, गोरखपुर टेराकोटा क्राफ्ट, बनारस जरदोजी, बनारस हैंड ब्लॉक प्रिंट, बनारस वुड काविर्ंग, मिजार्पुर पीतल के बर्तन और मऊ की साड़ी शामिल है।

<div class="paragraphs"><p>बनारसी पान समेत अन्य को मिला GI टैग(IANS)</p></div>
Viral: चिंकारा मीट खाने वालों के विडियो से मचा हंगामा



1,000 से अधिक किसानों को पंजीकृत किया जाएगा और जीआई अधिकृत उपयोगकर्ता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

नाबार्ड के एजीएम अनुज कुमार सिंह ने कहा कि आने वाले समय में नाबार्ड इन जीआई उत्पादों को आगे ले जाने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थान उत्पादन और विपणन के लिए सहयोग प्रदान करेंगे।

--आईएएनएस/VS

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com