

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इस मोटे अनाज को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह देता है। रागी (फिंगर मिलेट) (Finger Millet) एक अत्यंत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक मोटा अनाज है। रागी में कैल्शियम (Calcium), आयरन, पोटैशियम, फाइबर और विटामिन-बी की भरपूर मात्रा होती है। सबसे खास बात है कि यह पूरी तरह ग्लूटन-फ्री है, इसलिए गेहूं से एलर्जी वाले लोग भी बेफिक्र होकर खा सकते हैं।
इसे सुबह नाश्ते में रोटी, डोसा, दलिया या लड्डू के रूप में बनाकर खा सकते हैं और पूरा दिन बिना थके एनर्जी से भरपूर रह सकते हैं। इसमें मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे एनर्जी देते हैं, जिससे भूख देर से लगती है और दिनभर चुस्ती बनी रहती है। वजन घटाने वालों के लिए भी यह बेस्ट है क्योंकि यह पेट लंबे समय तक भरा रखता है।
हड्डियों के लिए भी रागी फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है, इसलिए बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए यह प्राकृतिक कैल्शियम का स्रोत है। ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) और जोड़ों के दर्द में यह रामबाण है। खून की कमी दूर करने में भी रागी कमाल करती है। इसमें भरपूर आयरन होने से एनीमिया की समस्या दूर होती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह वरदान है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) बहुत कम होता है ब्लड शुगर (Blood Sugar) अचानक नहीं बढ़ता।
दिल की सेहत के लिए भी रागी बेहतरीन है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। वहीं, पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी यह नंबर-वन है और पेट से जुड़ी समस्याओं का भी खात्मा करती है।
रागी (Ragi) को अपने खाने की थाली में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं। हालांकि एक्सपर्ट कुछ सावधानी रखनी की भी सलाह देते हैं। रागी का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।
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