

हालांकि दिल्ली में तेजी से बढ़ते प्रदूषण में छठ पूजा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने का जोखिम भी है। सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ (Gynecology Specialist) डॉ. मीरा पाठक (Dr. Meera Pathak) ने इस दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और बचाव के उपायों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
उन्होंने बताया है कि छठ पूजा के दौरान महिलाएं यमुना नदी में डुबकी लगाती हैं, जो काफी प्रदूषित हो चुकी है। इस पानी में सीवेज, कचरा और कई तरह के टॉक्सिन्स (Toxins) मौजूद हैं, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं। इस प्रदूषित पानी के संपर्क में आने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। खासकर महिलाओं को इन खतरों से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
डॉक्टर मीरा पाठक ने कहा, "यमुना के पानी के संपर्क में आने से त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे कि स्किन इंफेक्शन (Skin Infection), एलर्जी (Allergies), खुजली (Itching), दाने और फोड़े (Rash) हो सकते हैं और अगर गलती से पानी आंखों में चला जाए, तो उसमें रेडनेस (Redness), जलन (Irritation) या फिर पानी आने की शिकायत भी हो सकती है। वहीं, नाक या मुंह में पानी जाने से एलर्जी, खांसी, गले में खराश या दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, बुखार, पेट दर्द, उल्टी, डायरिया, टाइफाइड और हेपेटाइटिस-ए, ई जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई), यूरिन में जलन, वेजाइनल डिस्चार्ज जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। उपवास और प्रदूषित पानी के संपर्क के कारण थकान, चक्कर आना या बेहोशी जैसी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।"
डॉ. मीरा पाठक ने छठ पूजा के दौरान होने वाले बचाव को लेकर भी कुछ जरूरी सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने बताया है कि यमुना में डुबकी लगाने के बाद ज्यादा देर तक पानी में न रहें। पूजा होने के बाद हो सके तो तुरंत बाहर आ जाएं।
उन्होंने कहा, "डुबकी लगाने से पहले शरीर पर नारियल या सरसों का तेल, या वैसलीन लगाएं। इससे त्वचा को सुरक्षा मिलेगी। कोशिश करें कि शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढककर रखें ताकि पानी का संपर्क कम हो। वहीं, पानी को आंखों, नाक और मुंह में जाने से रोकें, ताकि गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो। पूजा के दौरान अपने साथ साफ पीने का पानी जरूर रखें और कोशिश करें कि पूजा होने के बाद पानी से बाहर आ जाएं।"
उन्होंने आगे कहा, "पूजा के दौरान अपने साथ साफ पीने का पानी जरूर रखें और हो सके तो उसके बाद देर तक गीले कपड़ों में न रहें। साफ पानी से नहाकर कपड़े बदल लें। इसी के साथ ही, अपने पास में एक हाइजीन किट (Hygiene Kit) रखें, जिसमें एंटीसेप्टिक वाइप्स, एंटीफंगल पाउडर (Antifungal Powder), हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer), डेटॉल (Dettol) या सेवलॉन (Savlon) का लिक्विड हो। पूजा के बाद एंटीसेप्टिक वाइप्स (Antiseptic Wipes) से हाथ-पैर पोंछ लें और सैनिटाइजर का उपयोग करें। नहाने के लिए साफ पानी में डेटॉल या सेवलॉन की कुछ बूंदें मिलाएं। एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल त्वचा पर करें। वहीं, प्रसाद ग्रहण करने से पहले हाथों को अच्छी तरह सैनिटाइज करें, ताकि प्रदूषित पानी पेट में न जाए और पेट से संबंधित कोई बीमारी न हो।
दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन यमुना के प्रदूषित पानी के कारण स्वास्थ्य जोखिमों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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