अक्सर देखा गया है कि लोग अपने आहार में 'अच्छे' कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाए रखने का प्रयास करते हैं, मगर नए शोध से पता चला है कि उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग (heart disease) के जोखिम की 'समान रूप से भविष्यवाणी' करने में प्रभावी नहीं हो सकते। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) समर्थित अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (American College of Cardiology) की पत्रिका में प्रकाशित एक शोध निष्कर्ष में कहा गया है कि वर्षो पहले एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर ने गोरे वयस्कों के लिए दिल के दौरे या इससे संबंधित मौतें बढ़ने जोखिम की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन काले वयस्कों के लिए यह सच नहीं था।
इसके अलावा, उच्च एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर किसी भी समूह के लिए कम हृदय रोग जोखिम से जुड़ा नहीं था।
ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (Oregon Health and Science University), पोर्टलैंड में नाइट कार्डियोवैस्कुलर इंस्टीट्यूट के भीतर चिकित्सा के सहयोगी प्रोफ़ेसर नथाली पामीर ने कहा, "लक्ष्य इस लंबे समय से स्थापित लिंक को समझना था जो एचडीएल को फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल के रूप में लेबल करता है, और यदि यह सभी जातियों के लिए सच है।"
पामीर ने कहा, "यह अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है कि कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर हानिकारक है। हमारे शोध ने उन धारणाओं का परीक्षण किया और पाया कि इसमें गोरे या काले का भेद कोई मायने नहीं रखता।"
इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पामीर और उनके सहयोगियों ने स्ट्रोक स्टडी के दौरान भौगोलिक और नस्लीय अंतर को समझने के लिए 23,901 वयस्कों के डेटा की समीक्षा की।
अध्ययन में सबसे पहले पाया गया कि कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर ने केवल गोरे वयस्कों के लिए कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के जोखिम में वृद्धि की भविष्यवाणी की गई थी।
यह अन्य अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि उच्च एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का स्तर हमेशा हृदय संबंधी घटनाओं में कमी नहीं लाता।
पामीर ने कहा, "इस प्रकार के शोध से पता चलता है कि कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के लिए जोखिम-भविष्यवाणी एल्गोरिदम (algorithm) पर फिर से विचार करने की जरूरत है। इसका मतलब यह हो सकता है कि भविष्य में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर के लिए हमें अपने डॉक्टरों से पीठ नहीं थपथपानी पड़ेगी।"
आईएएनएस/RS