क्या आप भी Heart Attack और Cardiac Arrest को मानते हैं एक

हार्ट से जुड़ी इन बीमारियों के कारण या जिम्मेदार भी हम खुद ही हैं क्योंकि हमारा खानपान और लाइफस्टाइल इतना प्रभावित हो चुका है कि हम अपने शरीर का ख्याल रखना भूल जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया भर में हर साल 17 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मृत्यु सिर्फ दिल की बीमारी के कारण होती है।
Heart Attack और Cardiac Attack:-  क्या आपने कभी सोचा है, की हाथ से जुड़ी इन बीमारियों के लिए इतनी हिदायतें क्यों दी जाती है? [Pixabay]
Heart Attack और Cardiac Attack:- क्या आपने कभी सोचा है, की हाथ से जुड़ी इन बीमारियों के लिए इतनी हिदायतें क्यों दी जाती है? [Pixabay]

अभी हाल ही में वर्ल्ड हार्ट डे सेलिब्रेट किया गया था। और लोगों को हार्ट अटैक से बचने और उससे जुड़ी कई जानकारियां दी गई थी पर क्या आपने कभी सोचा है, की हाथ से जुड़ी इन बीमारियों के लिए इतनी हिदायतें क्यों दी जाती है? दरअसल यदि आप पिछले 10 वर्षों की जनगणना देखेंगे तो पाएंगे की हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दर काफी अधिक बढ़ गई है जिसमें हार्ट अटैक आना एक साधारण बात हो चुकी है। हालांकि हार्ट से जुड़ी इन बीमारियों के कारण या जिम्मेदार भी हम खुद ही हैं क्योंकि हमारा खानपान और लाइफस्टाइल इतना प्रभावित हो चुका है कि हम अपने शरीर का ख्याल रखना भूल जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया भर में हर साल 17 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मृत्यु सिर्फ दिल की बीमारी के कारण होती है। कई लोगों को हार्ट अटैक की समस्या होती है तो वहीं कुछ लोग कार्डियक अरेस्ट की समस्या से परेशान होते हैं और उन्हें लगता है कि यह दोनों एक ही है लेकिन आपको बता दें की यह दोनों बिल्कुल अलग स्थित है तो चलिए विस्तार से जानते हैं की इन दोनों में क्या अंतर है। 

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या है अंतर

हार्ट अटैक कब आता है जब आपके हार्ट की आर्टिलरी में ब्लॉकेज हो जाता है और आपके हाथ टिशु को ब्लड सप्लाई नहीं हो पता इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी हृदय कोशिकाओं की मृत्यु और सीने में दर्द जैसे लक्षण होते हैं लेकिन हृदय आमतौर पर धड़कता रहता है।

कार्डियक अरेस्ट की बात करें तो कार्डियक अरेस्ट का मतलब है की दिल धड़कना बंद हो जाता है[Pixabay]
कार्डियक अरेस्ट की बात करें तो कार्डियक अरेस्ट का मतलब है की दिल धड़कना बंद हो जाता है[Pixabay]

वहीं अगर कार्डियक अरेस्ट की बात करें तो कार्डियक अरेस्ट का मतलब है की दिल धड़कना बंद हो जाता है कुछ मामलों में तो हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट का कारण भी बन जाते हैं। कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति होती है जब हृदय मस्तिष्क और अन्य अंगों और आर्टरी को रक्त और ऑक्सीजन पंप करना बंद कर देता है। इसका कारण कुछ भी हो सकता है जिससे हृदय धड़कन बंद हो जाती है और गंभीर दिल के दौरे शामिल होते हैं। एक मुख्य बात यह है कि हार्ट अटैक का कारण कार्डियक रेस्ट हो सकता है लेकिन कभी भी कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक के कारण नहीं हो सकता। 

लक्षण

हार्ट अटैक के लक्षण जरूरी नहीं की सामान्य हो इसके लक्षण लोगों की बॉडी और हेल्थ पर निर्भर करते हैं लेकिन हैरत की कुछ प्रमुख लक्षण ऐसे हैं जिनकी वजह से अटैक आने लगता है। जैसे सीने में दर्द जकड़न निचोड़ने या दर्द जैसा महसूस होना, ठंडा पसीना, थकान, सीने में जलन, चक्कर आना, जी मिचलाना, या सांस लेने में कठिनाई होना इत्यादि है। हार्ट अटैक का मुख्य कारण खानपान और ज्यादा स्ट्रेस लेना बताया जाता है। आजकल के इस बिजी शेड्यूल में अक्सर लोग फास्ट फूड खाना पसंद करते हैं या फास्ट फूड उनके शरीर में कई प्रकार की परेशानियां खड़ी कर देता है। इसके अलावा कई परिस्थितियों में लोग काफी समय तक भूखे भी रहने लगते हैं जिसकी वजह से भी शरीर में कई प्रकार की परेशानियां होने लगते हैं। हार्ट अटैक जैसे खतरनाक बीमारियों से बचाना है तो डॉक्टर की सलाह यही रहती है की अच्छा खान-पान को अपने अल्कलाइन और सलाद का इस्तेमाल करें पानी अधिक पिए इसके साथ ही अपने बिजी शेड्यूल से थोड़ा टाइम निकाल कर योग या प्राणायाम जरूर करें इससे आपके शरीर और आपके हृदय दोनों सुरक्षित रहेंगे।

हार्ट अटैक के लक्षण जरूरी नहीं की सामान्य हो इसके लक्षण लोगों की बॉडी और हेल्थ पर निर्भर करते हैं [Pixabay]
हार्ट अटैक के लक्षण जरूरी नहीं की सामान्य हो इसके लक्षण लोगों की बॉडी और हेल्थ पर निर्भर करते हैं [Pixabay]

वहीं यदि कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों की बात करें, तो यह अत्यंत ही तत्काल और गंभीर होते हैं जैसे अचानक पाटन पल्स का न मिलाना सांस नहीं लेना होश को देना सीने में बेचैनी सांस लेने में कठिनाई या कमजोरी इसके कुछ लक्षण है। इससे बचाव के लिए डॉक्टर योग या प्राणायाम को अपने जीवन में ऐड करने की सलाह देते हैं। अच्छा खाना तेल मसाला इन सभी से दूर रहकर सादा भोजन करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा स्ट्रेस मुक्त लाइफ आपको कार्डियक अरेस्ट का मरीज होने से बचा सकता है। 

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