

आयुर्वेद के अनुसार, होंठों की देखभाल प्रकृति में मौजूद साधारण चीजों से भी की जा सकती है। आयुर्वेद (Ayurveda) में 'रसधातु' यानी शरीर की नमी का खास महत्व बताया गया है। जब ठंड में शरीर की नमी कम होने लगती है, तो सबसे पहले असर होठों पर दिखता है, क्योंकि वहां तेल ग्रंथियां बहुत कम होती हैं। ऐसे में नमी को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक तत्वों की जरूरत होती है।
शहद (Honey): आयुर्वेद में शहद को प्राकृतिक औषधि (Medicine) माना गया है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और मॉइस्चराइजिंग गुण फटे होठों को राहत देते हैं। रात में सोने से पहले अगर हल्की परत में शहद होठों पर लगाया जाए, तो सुबह तक होंठ नर्म महसूस होते हैं।
नारियल तेल (Coconut Oil): आयुर्वेद में नारियल तेल को शीतल गुण से भरपूर माना गया है, यानी यह शरीर को ठंडक और आराम देता है। दिन में दो-तीन बार हल्के हाथों से नारियल तेल लगाने से न सिर्फ फटे होंठ ठीक होते हैं, बल्कि उनका प्राकृतिक गुलाबी रंग भी लौट आता है।
दूध की मलाई (Milk Cream): घर में आसानी से मिलने वाली मलाई में मौजूद प्राकृतिक फैट्स (Natural Fats) और लैक्टिक एसिड (Lactic Acid) होंठों के रूखेपन को दूर करने में मदद करते हैं। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर नई नमी लाती है। सोने से पहले मलाई की हल्की परत लगाने से रातभर में होंठों की खोई हुई नमी वापस आ जाती है।
खीरे का रस (Cucumber Juice): खीरा प्राकृतिक रूप से हाइड्रेशन (Hydration) देता है। आयुर्वेद के मुताबिक, खीरा शरीर के पित्त को शांत करता है, यानी जलन और सूजन को कम करता है। दिन में एक-दो बार खीरे के रस को रुई से होंठों पर लगाने से सूखापन दूर होता है और होंठों की सतह फिर से मुलायम हो जाती है।
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