थायरॉइड का वजन बढ़ने से क्या है कनेक्शन? जानिए वजह और उपाय

नई दिल्ली, आपने अक्सर सुना होगा कि थायरॉइड की वजह से किसी का वजन बढ़ गया हो या वजन कम नहीं हो रहा हो, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का असली कारण क्या है और कैसे वजन को कंट्रोल किया जा सकता है? आइए आयुर्वेद से जानते हैं।
एक महिला अपने पेट को इनच टेप से नापती हुई|
थायरॉइड और वजन बढ़ने का संबंध: कारण और आयुर्वेदिक उपाय|IANS
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थायरॉइड Thyroid हमारे गले में मौजूद एक छोटी-सी ग्रंथि है, लेकिन इसका काम बहुत बड़ा है। यह हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म यानी ऊर्जा और पाचन की गति नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती, तो उसे हाइपोथायरॉइडिज्म कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर की मेटाबॉलिक गति धीमी पड़ जाती है, वसा जलना कम हो जाता है और धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है।

आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या कफ और वात दोष के असंतुलन से जुड़ी होती है, जिससे शरीर में भारीपन, सुस्ती और जल का संचय बढ़ जाता है।

आयुर्वेद Ayurveda में कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जो थायरॉइड को संतुलित कर मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं। सबसे पहले आता है त्रिकटु चूर्ण, जिसमें सोंठ, काली मिर्च और पिप्पली होती है। तीनों मिलकर पाचन शक्ति बढ़ाती हैं और जमी हुई चर्बी गलाने में मदद करती हैं। इसे आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम लिया जा सकता है।

इसके बाद कांचनार गुग्गुलु एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है, जो थायरॉइड ग्रंथि की सूजन घटाती है और हार्मोन स्राव को संतुलित करती है। इसे डॉक्टर की सलाह से रोज 1-2 गोली ली जा सकती है।

थायरॉइड में त्रिफला चूर्ण भी बहुत असरदार है। यह आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है, जो शरीर की सफाई कर वजन कम करने में मदद करता है। इसे रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें। गुग्गुलु कल्प और गिलोय-नीम का रस शरीर में कफ कम करते हैं और हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं। इनसे इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

घरेलू उपायों में धनिया पानी बहुत लोकप्रिय है। रातभर भिगोए धनिए को सुबह उबालकर उसका गुनगुना पानी पीने से थायरॉइड हार्मोन का स्राव सुधरता है और सूजन कम होती है। सुबह लेमन-हनी वाटर यानी नींबू और शहद वाला गुनगुना पानी पीना भी वजन घटाने के लिए फायदेमंद है।

थायरॉइड के मरीजों के लिए योग बहुत जरूरी है। सर्वांगासन, मत्स्यासन, भुजंगासन, धनुरासन, उज्जायी प्राणायाम और कपालभाति जैसे आसन थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करते हैं और रक्तसंचार सुधारते हैं।

आहार में सात्त्विक और गर्म तासीर वाले पदार्थ रखें, जैसे मूंग, लहसुन, अदरक, मेथीदाना, दालचीनी और सूप। ठंडी, मीठी और तली चीजें बिल्कुल न खाएं। पर्याप्त नींद लें, तनाव कम करें और रोज 30 मिनट टहलना न भूलें।

[AK]

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थायरॉइड की समस्या से कैसे मिलेगी निजात, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से समझ लें

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