World Asthma Day (Wikimedia Commons)
वर्ल्ड अस्थमा डे
न्यूजग्राम हिंदी: 2 मई को मनाए जाने वाले वर्ल्ड अस्थमा डे ( World Asthma day) पर जाने अस्थमा के अटैक के कारण और इनसे बचाव के तरीके। यदि आप इन चीजों को ठीक से समझ जाते हैं तो यकीनन आपका अस्थमा का जोखिम एक हद तक काम हो जाता है।
आइए इस लेख की शुरुआत इस दिन को मनाए जाने के पीछे के उद्देश्य को जानने से करते हैं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि सांस और फेफड़ों की बीमारी अस्थमा के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organization) के अनुसार प्रति वर्ष हजारों लोग अस्थमा की बीमारी का शिकार होते हैं और अपनी जान खो देते हैं। अस्थमा बच्चों को होने वाली सबसे आम और पुरानी बीमारी है। प्रत्येक वर्ष इस दिन की थीम अलग-अलग रखी जाती है।
यह बीमारी वायुमार्ग में सूजन आ जाने से होती है जिसे 'क्लोजिंग गैप इन अस्थमा केयर' (Closing Gaps in Asthma Care) की जरूरत हैं। यह सूजन हवा के फेफड़ों से बाहर नहीं आने देती। जिस कारण मनुष्य को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
• सीने में जकड़न और खांसी अस्थमा के मुख्य लक्षणों में से एक हैं।
• मरीज की अत्यधिक सांस फूलना हानिकारक साबित हो सकता हैं।
• यदि मरीज की सांस लगातार तेज हो रही है और वह अपनी सांसे नहीं पकड़ पा रहा है।
घातक हो सकता हैं अस्थमा
(UNSPLASH)
अस्थमा से बचाव के लिए: यदि आपको अस्थमा अटैक आता है तो भूल कर भी लेटे नहीं बल्कि सीधे बैठे और खुद को शांत करने का प्रयास करें।
• प्रत्येक 30 से 60 सेकंड के अंतराल पर रेस्क्यू रिलीवर का पफ लें। ऐसा कम से कम 10 बार करें।
• यदि लगातार 10 बार पफ लेने से भी आपको आराम नहीं मिलता है तो तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाएं।
• यदि आप 15 मिनट के भीतर डॉक्टर को नहीं दिखा पा रहे हैं तो फिर से पफ लें।
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