विश्व खाद्य दिवस 2025: सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन पर सरकार की पहल|
विश्व खाद्य दिवस 2025: सरकार का फोकस सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन पर|IANS

विश्व खाद्य दिवस: 81 करोड़ लोगों के लिए सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन सुनिश्चित करेगी सरकार

नई दिल्ली, भारत की खाद्य सुरक्षा प्रणाली का लक्ष्य 81 करोड़ लोगों को सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन (Nutritious Food) उपलब्ध कराना है। यह बात सरकार ने विश्व खाद्य दिवस 2025 (World Food Day) के मौके पर कही।
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हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों में सुरक्षित, पौष्टिक (Nutritious) और टिकाऊ भोजन (Sustainable Food) के महत्व को समझाया जा सके। इस साल का थीम 'बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए साथ मिलकर काम करना' है।

सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ''खाद्य सुरक्षा (Food Security) यह सुनिश्चित करती है कि हर व्यक्ति के पास हमेशा इतना भोजन होना चाहिए जो उसकी जरूरतों और पसंद के अनुसार सुरक्षित और पोषणयुक्त हो, ताकि वह स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सके। इसके लिए न केवल पर्याप्त भोजन का उत्पादन (Production) जरुरी है, बल्कि उसका सही और समान वितरण (Distribution) भी उतना ही आवश्यक है।''

बयान में आगे कहा गया, ''भारत की खाद्य सुरक्षा की योजना (Food Security Strategy) दो मुख्य हिस्सों पर आधारित है। पहला है कृषि उत्पादन (Agricultural Production) को मजबूत करना और दूसरा है उत्पादित भोजन (Produced Food) का समान और उचित वितरण (Fair Distribution)।''

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने खाद्य सुरक्षा (Food Security) को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम (Programs लागू किए हैं। ये कार्यक्रम गरीबी कम करने (Poverty Reduction), कुपोषण मिटाने (Malnutrition Eradication) और कृषि क्षेत्र (Sustainable Agriculture) को टिकाऊ बनाने पर केंद्रित हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013 (National Food Security Act) NFSA 2013 के तहत करीब 81 करोड़ लोगों को सस्ते दामों पर अनाज Grains दिया जाता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY), विकेंद्रीकृत खरीद योजना (Decentralized Procurement Scheme) और ओपन मार्केट सेल स्कीम (Open Market Sale Scheme) (OMSS) जैसी योजनाएं हैं जो खाद्य अनाज (Food Grains) की कीमतों को स्थिर बनाए रखती हैं और गरीब परिवारों को भूख और कुपोषण (Hunger and Malnutrition) से बचाती हैं।

साथ ही, भारत ने गेहूं (Wheat), दाल (Pulses), दूध (Milk), शहद (Honey) जैसे खाद्य पदार्थों (Food Items) के उत्पादन (Production) को भी बढ़ाया है। 2007-08 में शुरू हुई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission) अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (National Food Security and Nutrition Mission) के नाम से जानी जाती है, जो उत्पादन के साथ-साथ पोषण (Nutritious-Food Approach) पर भी खास ध्यान देती है।

सरकार ने कहा, ''पिछले एक दशक में भारत ने खाद्यान्न उत्पादन (Food Production) में करीब 90 मिलियन टन (Million Tonnes) की बढ़ोतरी दर्ज की है। इसी दौरान फल और सब्जियों का उत्पादन (Fruits Vegetables Production) भी 64 मिलियन टन (Million Tonnes) से अधिक बढ़ा है।''

सरकार ने आगे कहा, ''वैश्विक स्तर (Global Level) पर भारत दूध और बाजरे के उत्पादन में शीर्ष स्थान पर है, जबकि मछली, फल और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे नंबर पर है। शहद और अंडे का उत्पादन (Egg Production) भी 2014 के मुकाबले दोगुना हो गया है। भारत की कृषि निर्यात भी पिछले 11 सालों में लगभग दोगुनी हो चुकी है।''

सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई और योजनाएं भी शुरू की हैं। इनमें

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) (PGKAY), चावल संवर्धन पहल (Rice Promotion Initiative), प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण (Direct Beneficiary Transfer) (DBT), एकीकृत बाल विकास योजनाएं (Integrated Child Development Schemes), पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना PM (Nutrition Shakti Nirman Yojana, वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) (ONORC), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) (PDC)और खुले बाजार में बिक्री योजना (घरेलू) शामिल हैं।

सरकार का कहना है कि ये सभी प्रयास और योजनाएं भारत की भूख और कुपोषण (Hunger and Malnutrition) को खत्म करने की प्रतिबद्धता (Commitment) को दर्शाती हैं। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करती हैं कि देश के सभी नागरिकों को पर्याप्त और पोषणयुक्त भोजन (Nutritious Food) मिले, जिससे वे स्वस्थ और सक्रिय (Active) जीवन जी सकें।

[AK]

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