
मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री (Minister) ने कहा कि एक राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति शुरू की गई है। यह नीति इसलिए जरूरी है क्योंकि पंजाब में लोग दशकों से बाढ़ और सीमा पर तनाव में काम करते हैं।
ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत बढ़ जाती है। शारीरिक समस्याओं का इलाज तो हो सकता है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखना जरूरी है। एक ओर पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा है, वहीं दूसरी ओर सीमा पार और दूसरे राज्यों से नशीले पदार्थ आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों और स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किए जाएंगे। मानसिक तनाव को कम करने के तरीकों पर समय-समय पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (एसएमओ) को मानसिक स्वास्थ्य उपचार का प्रशिक्षण दिया गया है। पांच क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किए गए हैं जहां एसएमओ डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेंगे। "ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध" अभियान के तहत, 18,000 से ज्यादा युवाओं ने नशा मुक्ति केंद्रों के माध्यम से नशा छोड़ा है।
निजी मनोचिकित्सक (Private Psychiatrist) प्रतिदिन दो घंटे सेवाएं प्रदान करेंगे। गैर-सरकारी संगठनों और आईसीएमआर के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है। कलाकारों से भी ऐसे गीत न गाने का आग्रह किया जा रहा है जो नशीली दवाओं के दुरुपयोग को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने कहा कि कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर शोध किया जा रहा है। कार्डियक अरेस्ट के कारणों की जांच पर जोर दिया जा रहा है। पंजाब में 45 औषधि निरीक्षक हैं और कोई भी पद रिक्त नहीं है। औषधि निरीक्षकों को सर्दी-जुकाम की दवाओं की बिक्री की जांच करने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं।
बता दें कि हर साल 10 अक्टूबर को पूरी दुनिया में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ (वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे) मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘आपदा या आपातकाल की स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच’ है।
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