

टाइफाइड होने पर किडनी फेलियर और गंभीर जीआई ब्लडिंग आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
टाइफाइड की समस्या होने पर कब्ज और डायरिया की समस्या होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइफाइड की समस्या 3 से 5 प्रतिशत लोगों में ही देखी जाती है।
टाइफाइड क्या है?
टाइफाइड ( Typhoid) एक गंभीर समस्या है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) नामक इंफेक्शन के शरीर में फैलने से उत्पन्न होती है। टाइफाइड की समस्या में सालमोनेला टाइफी नामक तत्व मुंह के द्वार से शरीर में प्रवेश करता है और यह करीब 1 से 3 हफ्ते तक आपके शरीर के अंदर रहता है तथा आंतों के जरिए खून की कोशिकाओं तक पहुंचकर उनमें में फैल जाता है तथा खून की कोशिकाओं में अपना संचार करने के बाद यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैलने लगता है जिससे व्यक्ति की हालत गंभीर होने लगती है। टाइफाइड होने पर किडनी फेलियर और गंभीर जीआई ब्लडिंग आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
टाइफाइड बीमारी के कारण
टाइफाइड एक ऐसी समस्या है जो शरीर के लगभग सभी अंगों को प्रभावित कर व्यक्ति को गति हीन एवं कमजोर बना देती है इसीलिए टाइफाइड की समस्या से बचाव के लिए उनके कारणों से संबंधित जानकारी का होना आवश्यक है। नीचे टाइफाइड बीमारी के मुख्य कारण दिए गए हैं-:
दूषित भोजन - कोई ऐसा खाद्य पदार्थ या भोजन जिसमें खराब मसाले तेल को मिलाया गया हो या फिर वह दूषित खाद्य सामग्री से तैयार किया गया हो या फिर लगातार एक-दो दिन का बासी खाना।
दूषित पानी - कोई ऐसा पानी जिसमें कुछ कंकड़ एवं मिट्टी धूल जमा हो तथा आप उसका सेवन कर ले तब भी आपको यह बीमारी लग सकती है या फिर आप गंदे नल से पानी का सेवन कर लेते हैं तो यह भी दूषित पानी के कारण होने वाली टाइफाइड की समस्या में शामिल होता है।
सड़क के किनारे मिल रहे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी टाइफाइड बीमारी के तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं क्योंकि सड़क किनारे लगे फूड स्टॉल में वातावरण में फैली धूल मिट्टी और छोटे-छोटे कण खाने में मिल जाते हैं जिसके सेवन से टाइफाइड की बीमारी हो जाती है।
किसी टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति के भोजन या पानी का सेवन कर लेना।
खराब फिल्टर के पानी का सेवन करने के कारण भी टाइफाइड की समस्या उत्पन्न होती है।
टाइफाइड बीमारी के लक्षण
टाइफाइड की समस्या होने पर शरीर में सालमोनेला टाइफी तत्व प्रवेश कर आंतों के जरिए खून की कोशिकाओं में पहुंचकर शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर देता है और ऐसी स्थिति में प्रतिरक्षा कोशिकाएं भी शरीर को प्रभावित होने से नहीं बचा पाती है लेकिन व्यक्ति को अगर टाइफाइड की बीमारी के लक्षण पता हो तो टाइफाइड ( Typhoid) की समस्या को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। टाइफाइड की समस्या होने पर शरीर में व्यक्ति को निम्नलिखित मुख्य लक्षण ( Symptoms) देखने को मिल सकते हैं-:
तेज बुखार ( 100 डिग्री से अधिक)
सिर दर्द
कब्ज और डायरिया की समस्या
भूख की कमी
लीवर में सूजन
छाती पर लाल रंग के निशानों का दिखना।
थकान महसूस होना।
शरीर का तापमान बिगड़ने से ठंड लगना।
शरीर के कुछ अंगों में दर्द महसूस होना।
पेट में दर्द और ऐंठन महसूस होना।
टाइफाइड बीमारी के उपाय
अगर आपको टाइफाइड के किसी भी लक्षण जैसे थकान,सिरदर्द,उल्टी, कब्ज और तेज बुखार आदि शरीर में नजर आते हैं तो आपको जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए तथा दवा के साथ-साथ आपको घर पर टाइफाइड को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए-:
टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति का वजन तेजी से गिरने लगता है जिसके कारण व्यक्ति कमजोर दिखाई देने लगता है तथा इसीलिए आपको डॉक्टर की दवा के परामर्श के साथ-साथ कैलोरी युक्त कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में ताकत बनी रहे और आपका वजन फिर से सामान्य रूप से बढ़ सके। आप इसके लिए दूध, दाल और उबले हुए आलू का सेवन डाइट में इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि टाइफाइड की समस्या होने पर केवल वही खाना दिया जाए जो आसानी से पच सके।
टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर से पानी ज्यादा मात्रा में निकल जाता है इसीलिए डॉक्टर ओआरएस घोल पीने का परामर्श देते हैं तथा इसके साथ आप दही की लस्सी तथा दाल का पानी भी पीड़ित व्यक्ति को दे सकते हैं।
टाइफाइड की समस्या होने पर 5 से 7 लॉन्ग को 8 कप पानी में उबालें और पानी आधा होने तक इसे आंच पर पकाते रहें और फिर पानी को छान कर इसका सेवन करें।
टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर से ताकत एकदम चली जाती है और इसीलिए व्यक्ति को डॉक्टर की परामर्श दवा के साथ-साथ घर पर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमें पीड़ित व्यक्ति को सेब, दलिया और ओट्स तथा मौसमी फल जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक हो आदि खाने के लिए दे सकते हैं।
टाइफाइड की समस्या में पीड़ित व्यक्ति को थोड़ा-थोड़ा खाने को देते रहे तथा पेट भर कर खाने को ना दें।
चाय तथा ज्यादा फैट जैसे जी एवं तेज मसालों का खाद्य पदार्थों में उपयोग ना करें।
मांस का सेवन बिल्कुल बंद कर दे क्योंकि कमजोर पाचन तंत्र के कारण पीड़ित व्यक्ति मांस को नहीं पचा पाता है।
टाइफाइड से बचाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइफाइड की समस्या 3 से 5 प्रतिशत लोगों में ही देखी जाती है तथा अगर हर व्यक्ति टाइफाइड के बचाव से संबंधित नियमों को निरंतर फॉलो करें तो टाइफाइड की समस्या से बचा जा सकता है। टाइफाइड से बचाव के मुख्य नियम निम्नलिखित हैं-:
अगर घर में वाटर फिल्टर खराब है तो सबसे पहले उसे बदले तथा उसमें साफ पानी भरकर उसका उपयोग करें।
हाथ धोने के लिए साबुन की जगह डब्बा युक्त हैंडवाश का उपयोग करें।
फलों और सब्जियों को हमेशा धोकर साफ- -सुथरी जगह पर रखें।
घर पर बना हुआ तथा पका हुआ भोजन ही खाएं।
बाहर जाते वक्त एक साफ पानी की बोतल को साथ में रखें।
सड़क पर खड़े फूड स्टॉल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
बच्चों को टाइफाइड के वैक्सीन लगवाएं।
ताजा फलों का रस घर पर बनाकर पीएं।
तुलसी के पत्ते चबाएं या चाय में तुलसी उबालकर पिए।
टाइफाइड में परहेज़
स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही टाइफाइड में खाद्य पदार्थों एवं डाइट को फॉलो करना चाहिए तथा टाइफाइड में निम्नलिखित चीजों से परहेज करना चाहिए-:
टाइफाइड की समस्या होने पर फाइबर युक्त पदार्थ जैसे सेब, केला, साबूत अनाज और साबुत दाल आदि का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
डेयरी उत्पादों जैसे घी, मक्खन, दूध तथा चीज़ जैसे उत्पादों का सेवन टाइफाइड की समस्या में बंद कर देना चाहिए।
अत्याधिक मिर्च-मसाला, तेल एवं अचार, कुछ भारी सब्जियों जैसे गोभी,शिमला मिर्च, प्याज लहसुन, मूली, शलगम आदि का सेवन से परहेज करना चाहिए।
डिब्बाबंद जूस तथा मिल्क शेक आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि इन सब में कैलोरी एवं वसा की मात्रा अत्याधिक रूप से मौजूद होती है एवं वसा पेट की आंतों के लिए ठीक नहीं होता है जिस वजह से टाइफाइड होने पर इन सभी प्रकार के फूड ड्रिंक से परहेज करना चाहिए।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको टाइफाइड बीमारी से जुडी हर संभव जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने इस बीमारी के लक्षण से लेकर उपाय और परहेज़ से जुड़ी जानकारी को शामिल किया है।
OG