अक्सर लोग एंजायटी और डिप्रेशन को एक ही मानते हैं लेकिन आपको बता दें कि इन दोनों में काफी फर्क होता है। अभी हाल ही में फिल्म प्रोड्यूसर करन जौहर ने अपने मानसिक सेहत को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा किया और इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे वह NMACC इवेंट के दौरान अचानक से डिप्रेशन के लक्षणों को महसूस करके परेशान हो गए थे इतना ही नहीं जैसे तैसे जब वह घर पहुंचे तो ए कारण ही रोने लगे और बहुत दुखी हो गए। उन्हें कुछ नहीं समझ आया कि उनके साथ हो क्या रहा है क्या वह डिप्रेशन में है या फिर सिर्फ यह एक एंजायटी अटैक था। हालांकि उन्होंने फिर डॉक्टर को दिखाया और उनका इलाज चल रहा है लेकिन यह दिक्कत सिर्फ करण जौहर को नहीं है बल्कि आज के समय में बहुत से लोगों की है कई सारे मामलों में तो लोगों को यह तक समझ में नहीं आता कि वह डिप्रेशन के शिकार है या सिर्फ एंजाइटी के कई मामलों में लोग इन दोनों चीजों को एक ही मानते हैं। तो चलिए आज हम आपको इन दोनों के बीच के फर्क को बताएंगे और समझेंगे कि मानसिक रोगों को नेगलेक्ट ना करना ही समझदारी है।
सबसे बड़ा सवाल उठना है कि आखिर हमें समझ कैसे आएगा कि हम डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं। जब हम डिप्रेशन में होते हैं तब हमारा मस्तिष्क पूरी तरीके से वास्तविक समय के अनुसार काम नहीं करता हम कभी-कभी किसी एक बात को लेकर बैठे रहते हैं और सच में डूबे रहते हैं हम हमेशा तनाव में रहते हैं कभी-कभी घबराहट होती है कभी हमारा मूड ऑफ होता है कभी बेचैनी सी लगती है मन उदास रहता है और यह लक्षण जीवन में हमेशा नहीं आते इसलिए यदि इस प्रकार के कोई भी लक्षण महसूस हो तो समझ लेना चाहिए कि वह डिप्रेशन की शुरुआत है।
क्योंकि जब आप डिप्रेशन के घेरे में होते हैं तब आपका सामान्य काम भी प्रभावित होने लगता है और आप समाज से कटने लगते हैं यह आपको तुरंत नहीं पता चला परंतु कुछ समय बाद आपको आभास होता है कि आपके साथ ऐसा हो रहा है इसलिए ऐसे लक्षणों पर ध्यान दें और जब आपको लगे कि आप डिप्रेशन में हैं तो उसे निकालने के लिए किसी मनोचिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
डिप्रेशन का लक्षण हर व्यक्ति में उम्र व लिंग के हिसाब से अलग-अलग होता है पुरुषों में अलग प्रकार के लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो वहीं महिलाओं में अलग और बच्चों में एकदम अलग प्रकार के लक्षण। क्योंकि उनके हाफ-भाव के अनुसार ही उनके लक्षण भी प्रकट होते हैं फिर भी डिप्रेशन के कुछ आम लक्षण है जिन पर गौर करना बहुत जरूरी है जैसे ज्यादा समय तक परेशान रहना, निराशा रहना, उलझे हुए रहना, मानसिक तनाव में रहना, किसी भी आनंदित गतिविधियों में रुचि न रखना, वजन पर इसका असर बहुत अधिक पड़ना, नींद की समस्या आना, डिप्रेशन के कुछ लक्षण है।
एंजायटी अर्थात उदासी एक नॉर्मल इमोशन है। जबकि डिप्रेशन एक प्रकार की मानसिक बीमारी है। एंजायटी में हम उदासी का अनुभव करते हैं यह हर किसी व्यक्ति के साथ हो सकता है
जिस प्रकार से हम खुशी का अनुभव करते हैं ठीक उसी प्रकार से उदासी का भी अनुभव कर सकते हैं परंतु डिप्रेशन तब होता है जब हम हद से ज्यादा सोच में डूबे होते हैं मानसिक तनाव में रहते हैं उसे स्थिति से निकल ही नहीं पाते इसमें एक-दो दिन नहीं बल्कि उससे अधिक समय भी लग सकता है डिप्रेशन की स्थिति में हम लगभग कई महीनो तक किसी भी चीज में इंटरेस्ट नहीं दिखाई घूमने फिरने का भी हमारा मन नहीं करता दोस्तों से दूर होने लगते हैं ऐसा लगता है कि किसी एकांत जगह या फिर घर के अंदर हम बैठे रहे और जीवन हमें नीरज से लगने लगती है परंतु एंजायटी और उधर से कुछ समय के लिए रहता है और उसके बाद नहीं।