हमारे शरीर कई तत्वों से मिलकर बना होता है। इन तत्वों इन ऑर्गन्स को सही तरह से काम करने के लिए शरीर में विटामिन की जरूरत होती है और यदि यह विटामिन हमारे शरीर में नहीं हो तो हमारे शरीर को उनके ऑर्गन्स को धीरे-धीरे यह कमजोर कर देते हैं। शरीर के विकास और उसे स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह प्रोटीन कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार विटामिन b12 की भी जरूरत होती है। विटामिन b12 एक जल घुलनशील विटामिन है जो शरीर के कई कामकाज के लिए जरूरी है। शरीर स्वयं इस उत्पन्न नहीं कर सकता है इसलिए इसे बाहरी स्रोतों से प्राप्त करना पड़ता है। तो चलिए आज विटामिन b12 से जुड़ी हर एक जानकारी आपको देते हैं साथ ही विटामिन b12 की कमी से होने वाली शारीरिक समस्याओं के बारे में भी बात करते हैं।
विटामिन b12 रेड ब्लड सेल्स को बनता है और इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है। या पूरे नर्वस सिस्टम के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी है और इसकी कमी से मेंटल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम हो सकती है। इसकी कमी से थकान अवसाद और चिड़चिड़ापन हो सकता है। या शरीर में होमोस्टीन लेवल को कंट्रोल करता है जिससे दिल की सेहत बेहतर रहती है।
इस पोषक तत्व की कमी से शरीर में थकान और कमजोरी, त्वचा और जीव का रंग बदलना, अवसाद, चिड़चिड़ापन, और चक्कर आना और संतुलन और बेहोशी, हृदय संबंधी समस्याएं, आंखों में धुंधलापन दृष्टि में परिवर्तन और आंखों की समस्याएं हो सकती है। चिकन, मटन जैसी नॉनवेज चीजों में इसकी भरपूर मात्रा पाई जाती है अगर आप यह नहीं खाते हैं तो हरिद्वार के आयुर्वेद डॉक्टर दीपक कुमार के द्वारा बताई गई रेसिपी को आप फॉलो कर सकते हैं।
डॉ दिलीप कुमार बताते हैं कि यदि आप दही और चावल को तीन-चार घंटे ठंडी जगह रखकर इसका सेवन करें तो उसे खाने से भरपूर मात्रा में विटामिन बी12 मिलता है। फॉर्मेशन की वजह से इस मिश्रण में विटामिन b12 के अलावा अन्य बी कांप्लेक्स विटामिन भी पैदा हो जाते हैं। दही में लैक्टो बेसिलस नामक बैक्टीरिया मौजूद होती है। जब बैक्टीरिया चावल के ऊपर एक्शन करता है तो बी कांप्लेक्स विटामिन भी पैदा होते हैं और इस विधि को फॉर्मिनेशन कहा जाता है। फॉर्मेटेड दही चावल और ज्यादा टेस्टी बनाने के लिए इसमें इमली की चटनी मिलकर खा सकते हैं साथ ही चटनी मिलने से यह इतनी टेस्टी हो जाते हैं कि बच्चे भी आसानी से खा सकते हैं।