जानिए 12 कारण क्यों काम से समय पर निकलना है ज़रूरी

लंबे काम के घंटे दिखाते हैं कि आप अपने काम के प्रति बहुत निष्ठावान हैं, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य, नींद और क्रिएटिविटी पर बुरा असर डालते हैं। अपने समय को ठीक से इस्तेमाल करना और काम-जीवन में संतुलन रखना ही लंबी सफलता की राह है।
थका हुआ व्यक्ति देर रात मंद रोशनी वाले ऑफिस में लैपटॉप पर काम कर रहा है। मेज़ पर फाइलों का ढेर, जलता हुआ डेस्क लैंप और खिड़की के बाहर रात का शहर दिखाई दे रहा है – तनावपूर्ण कामकाजी माहौल और ओवरवर्क की स्थिति को दर्शाता चित्र।
क्यों समय पर निकलना है ज़रूरी Sora AI
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भारत (India) में लंबे काम के घंटे अक्सर मेहनत और समर्पण का प्रतीक माने जाते हैं। बड़े पूंजीपति जैसे नारायण मूर्ति (Narayan Murthy) कहते हैं कि युवा अपनी सफलता के लिए 70 घंटे प्रति सप्ताह काम करें। कई कंपनियों और वरिष्ठ अधिकारी भी देर तक ऑफिस में रहने को समर्पण मानते हैं।

लेकिन हाल ही में, लंदन के उद्यमी डैन मुर्रे (Dan Murray) ने लिंकडिन (LinkedIn) पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को हमेशा समय पर ऑफिस छोड़ना चाहिए। यह पोस्ट वायरल हो गई क्योंकि इसमें पुराने विचार को चुनौती दी गई कि “जितना अधिक समय आप बैठेंगे, उतना बेहतर काम करेंगे।”

एक थका हुआ व्यक्ति डेस्क पर लैपटॉप और कागज़ों के साथ बैठा है, सिर हाथ पर टिका हुआ है। पीछे दीवार पर घड़ी देर रात का समय दिखा रही है – यह दृश्य थकान, अत्यधिक काम और मानसिक दबाव को दर्शाता है।
लंबे काम के घंटे और उनकी संस्कृतिSora AI

समय पर ऑफिस समय छोड़ने के 12 कारण

1. काम कभी खत्म नहीं होता

ऑफिस का काम हमेशा बना रहेगा। चाहे आप कितने भी घंटे लगाएँ, हमेशा नई ईमेल (Email), मीटिंग या टास्क आते रहेंगे। देर तक रहने से थकान और तनाव बढ़ता है।

2. नौकरी ही जीवन नहीं है

नौकरी आपकी पहचान का केवल एक हिस्सा है। यदि आप केवल काम में ही समय व्यतीत करते हैं, तो आप अपनी व्यक्तिगत पहचान और खुशी खो सकते हैं।

3. जीवन के अन्य पहलू महत्वपूर्ण हैं

परिवार (Family), दोस्त (Friends), हॉबीज़ (Hobbies) और व्यक्तिगत शौक भी उतने ही जरूरी हैं। समय पर ऑफिस छोड़ने से आप इन चीज़ों पर ध्यान दे सकते हैं और जीवन में संतुलन बनाए रख सकते हैं।

4. अधिक घंटे = अधिक उत्पादकता नहीं

8 घंटे के बाद कार्यक्षमता कम होने लगती है। 10–12 घंटे से अधिक काम करने पर आप व्यस्त जरूर रहते हैं, लेकिन उत्पादक नहीं।

5. स्वास्थ्य पर प्रभाव

लंबे समय तक काम करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इससे तनाव, नींद की कमी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।

6. दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ नहीं

अत्यधिक काम कुछ समय के लिए मैनेजेबल (manageable) लग सकता है, लेकिन लंबे समय में यह बर्नआउट (Burnout) और थकान का कारण बनता है।

7. सीमाएं (Boundries) बनाना जरूरी है

समय पर ऑफिस छोड़ना पेशेवर सीमाएँ स्थापित करता है। यह दिखाता है कि आप अपने व्यक्तिगत समय की कदर करते हैं और दूसरों से भी यही अपेक्षा रखते हैं।

8. खुशी बढ़ती है

काम के बाहर का समय आराम और रीचार्ज करने में मदद करता है। इससे आपका मूड और दृष्टिकोण बेहतर होता है।

9. संबंधों (Relationship) के लिए समय चाहिए

अगर आप हमेशा देर तक काम करेंगे, तो परिवार और दोस्तों के साथ संबंध कमज़ोर हो जाएंगे। स्वस्थ रिश्तों के लिए समय देना ज़रूरी है।

10. ऊर्जा का स्तर बढ़ता है

आराम से शरीर और मन तरोताज़ा रहते हैं। समय पर ऑफिस छोड़ने से अगले दिन बेहतर फोकस और ऊर्जा के साथ काम किया जा सकता है।

11. संतुलन = सच्ची सफलता

काम और जीवन के बीच संतुलन ही वास्तविक सफलता है। लंबे समय तक काम करना सिर्फ दिखावा है, संतुलन बनाए रखना ही लंबे समय तक खुश रहने की सीढ़ी है।

12. टीम को भी लाभ होता है

एक स्वस्थ और तरोताज़ा कर्मचारी अपनी टीम में बेहतर योगदान देता है। थका हुआ कर्मचारी न केवल खुद प्रदर्शन नहीं कर पाता बल्कि टीम के बाकि लोगो का मनोबल भी गिरा देता है।

लिंकडिन (LinkedIn) पर प्रतिक्रियाएँ

डैन मुर्रे (Dan Murray) के पोस्ट पर लोग बहुत सक्रिय हुए। कई लोगों ने लिखा कि “समय सबसे कीमती संसाधन है। इसे बचाना चाहिए।” कुछ ने कहा कि “समय पर ऑफिस छोड़ने की आदत से आप दिए हुए समय में अधिक काम कर सकते हैं और बर्नआउट से बच सकते हैं।” एक यूज़र ने बताया कि “काम में सीमाएँ बनाना आपकी उत्पादकता और खुशी दोनों के लिए ज़रूरी है।” दूसरे ने लिखा कि “अगर आप काम छोड़ने का समय नहीं रखते तो लंबे समय तक अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन नहीं कर सकते। अपना समय बचाना मतलब लंबे समय तक बेहतर काम करना।

कई लोगों ने ज़ोर देकर कहा कि समय पर ऑफिस छोड़ना आलस्य नहीं है, बल्कि यह समझदारी है। ऐसा करने से जीवन संतुलित रहता है और आप अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

निष्कर्ष

जबकि बड़े उद्योगपति जैसे नारायण मूर्ति (Narayan Murthy) लंबे काम के घंटों की सलाह देते हैं, और डैन मुर्रे (Dan Murray) बताते हैं कि इसके नुकसान भी बहुत हैं। सच्ची समर्पणता यह नहीं दिखाती कि आप कितने घंटे डेस्क पर बैठे हैं, बल्कि यह दिखाती है कि आप कितने प्रभावी और संतुलित तरीके से काम कर सकते हैं। लंबे काम के घंटे केवल दिखावा हैं; वास्तविक सफलता संतुलन, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत समय का सम्मान करने में है।

(Rh/BA)

थका हुआ व्यक्ति देर रात मंद रोशनी वाले ऑफिस में लैपटॉप पर काम कर रहा है। मेज़ पर फाइलों का ढेर, जलता हुआ डेस्क लैंप और खिड़की के बाहर रात का शहर दिखाई दे रहा है – तनावपूर्ण कामकाजी माहौल और ओवरवर्क की स्थिति को दर्शाता चित्र।
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