ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला की जगह लेगा 'बजरंग सेतु' जो अपने आप में होगी अभिनव कलाकृति

लोक निर्माण विभाग यहां बजरंग सेतु का निर्माण करा रहा है, जो लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा।
लक्ष्मणझूला
लक्ष्मणझूलाWikimedia
Published on
2 min read

ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला सेतु ऋषिकेश का मुख्य आकर्षण है। हर साल ऋषिकेश (Rishikesh) आने वाले लाखों श्रद्धालु लक्ष्मणझूला पुल से गंगा नदी का दीदार करते रहे हैं, लेकिन आने वाले वक्त में इस पुल की जगह 'बजरंग सेतु' ले लेगा। लोक निर्माण विभाग यहां बजरंग सेतु का निर्माण करा रहा है, जो लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा। लोनिवि नरेंद्रनगर खंड के अधिशासी अभियंता मो. आरिफ खान के मुताबिक, आगामी वर्ष 2023 के जुलाई माह में इस सेतु का निर्माण पूरा कर दिया जाएगा। नए सेतु के लिए गंगा के दोनों किनारों पर फाउंडेशन का काम जारी है।

बजरंग सेतु के दोनों ओर जो टावर बनाए जा रहे हैं, उन्हें केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) की आकृति की तर्ज पर बनाया जाएगा। टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला यह पुल थ्री लेन का होगा। इस पुल के बीच में छोटे चौपहिया वाहन गुजर सकेंगे। पुल के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए होगी। पुल के दोनों तरफ कांच का पैदल पथ बनेगा। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे और इस पर चहलकदमी कर सकेंगे।

ऋषिकेश
ऋषिकेशWikimedia

इस कांच की मोटाई 65 मिमी होगी, जो बेहद मजबूत होता है। पुल के लिए कुल 68 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। बजरंग पुल जिस लक्ष्मणझूला पुल का विकल्प बनेगा, उसका निर्माण ब्रिटिश (British) शासनकाल में वर्ष 1927 से 29 के बीच किया गया था।

12 जुलाई, 2019 में लोक निर्माण विभाग की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट में इस पुल को असुरक्षित मानते हुए प्रशासन ने इस पर आवाजाही बंद करवा दी थी। इसके बाद नया पुल बनाने की तैयारी शुरू हुई, जिसकी जिम्मेदारी लोनिवि को दी गई है। जुलाई 2019 के बाद से लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही बंद है, जिससे लोग मायूस हैं।

लक्ष्मणझूला
कश्मीर घाटी की एक अनूठी सूफ़ी कवयित्री, जरीफा जान

पुल का कोई विकल्प न होने के कारण यहां दोनों ओर का बाजार भी प्रभावित है। जल्द ही यहां बजरंग सेतु का निर्माण पूरा कर दिया जाएगा, जो देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस सेतु को 'स्टेट ऑफ आर्ट' ('State of Art') के तौर पर विकसित किया जाएगा, जो अपने आप में अभिनव कलाकृति होगी।

आईएएनएस/RS

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com