Chhattisgarh Tourism: छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए पूरे देश में जाना जाता है। यहां की खूबसूरत वादियों का नजारा बहुत मनोरम है। यही कारण है कि नए साल में लोग यहां के प्रकृति खूबसूरती का नजारा देखने आ रहे है। विशाखापट्टनम से जगदलपुर ट्रेन के माध्यम से पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और बिहार पहुंचने वाले पर्यटक इस रेलवे मार्ग पर पड़ने वाली अजीबो गरीब 66 टनलों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते है। दरअसल, विशाखापट्टनम से जगदलपुर के 300 किलोमीटर के इस रेल मार्ग में सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है, जो देश के सबसे ऊंचे हिल स्टेशन में शुमार है।
पयर्टकों का कहना है कि इसका नजारा बहुत लुभावना है। पूरे भारत देश में यह दूसरा रेलमार्ग है, जहां 300 किलोमीटर के सफर में 66 टनल पड़ती हैं साथ ही हरी-भरी वादियां, ऊंचे पहाड़ से गुजरती यह ट्रेन से खूबसूरत वादियों का नजारा बहुत मनोरम लगता है।
किरंदुल से कोत्तवलसा (केके ) रेल मार्ग करीब 70 साल पुराना है। जगदलपुर से विशाखापट्टनम के रूट पर अनंतगिरी के पर्वत की ऐसी श्रृंखला है, जिसे काटकर ये रेलवे ट्रेक बिछाया गया है। चेन्नई से गोवा के बाद जगदलपुर से विशाखापट्टनम रेलवे रूट पर ही खूबसूरत वाटरफॉल्स, ऊंचे पर्वत और हरी भरी वादियों के नजारे देखने को मिलते हैं।इस रूट पर आंध्र प्रदेश का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल अरकू वैली भी मौजूद है। हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक यहां घूमने पहुंचते हैं।
इसी रेल मार्ग से होते हुए जगदलपुर पहुंचा जा सकता है इसमें लगभग नौ घंटों का समय लग सकता है यह सफर पर्यटकों को रोमांच से भर देता है। इसी कारण हर साल लगातार इस रेल मार्ग से पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे प्रशासन ने इस रूट पर विस्टाडोम कोच की भी शुरुआत की है।जगदलपुर से विशाखापट्टनम तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन में दो विस्टाडोम कोच जोड़े गए हैं। इस कोच से पर्यटक इस रूट में पड़ने वाली खूबसूरत वादियों का नजारा देख रहे हैं। विस्टाडोम कोच को पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।