यहां स्वयं चलते हैं पत्थर, जानिए डेथ वैली से जुड़ी कुछ अनकही बातें।

पूरी दुनिया में इसे एक भूतिया शहर कहा जाता है। इस जगह को इसके रंगीन चट्टानों के कारण जाना जाता है लेकिन कई लोग ये कहते हैं कि यहां के पत्थर खुद से चलते हैं।
Death Valley: यहां का तापमान काफी अधिक रहता है (Wikimedia Commons)
Death Valley: यहां का तापमान काफी अधिक रहता है (Wikimedia Commons)

Death Valley: प्रकृति के कई रहस्यों को कई बार वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाते हैं। ऐसा ही एक जगह, जिसका नाम है डेथ वैली नैशनल पार्क। इसको लेकर यह कहा जाता है कि ये जगह अमेरिका में पूर्वी निफॉर्निया और नेवादा के बीच स्थित है। बता दें कि यहां का तापमान काफी अधिक रहता है पूरी दुनिया में इसे एक भूतिया शहर कहा जाता है। इस जगह को इसके रंगीन चट्टानों के कारण जाना जाता है लेकिन कई लोग ये कहते हैं कि यहां के पत्थर खुद से चलते हैं। आइए जानते हैं डेथ वैली की कुछ अनकही बातें।

सबसे अधिक है तापमान

डेथ वैली पूर्वी कैलिफ़ोर्निया में , उत्तरी मोजावे रेगिस्तान में , ग्रेट बेसिन रेगिस्तान की सीमा पर एक रेगिस्तानी घाटी है। डेथ ऑफ वैली घाटी का तापमान पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 56.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसी कारण इसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।

समुद्र तल से 282 फीट नीचे होने के बाद भी यह घाटी एकदम सूखी है। (Wikimedia Commons)
समुद्र तल से 282 फीट नीचे होने के बाद भी यह घाटी एकदम सूखी है। (Wikimedia Commons)

इतने तापमान के बाद भी इन रंग-बिरंगी चट्टानों को देख कर पर्यटक आकषिर्त हो जाते है। वहीं दूसरी हैरान करने वाली बात है कि समुद्र तल से 282 फीट नीचे होने के बाद भी यह घाटी एकदम सूखी है। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि इस जगह पर कभी समुद्र रहा होगा, क्योंकि यह समुद्र तल के नीचे है।

स्वयं चलते हैं पत्थर

डेथ ऑफ वैली को लेकर कहा जाता है कि यहां पर चट्टान खुद से चलते हैं लेकिन इसके पीछे क्या कारण है इसको लेकर कई कहानियां हैं। पहली बार 1948 में पता चला था कि वहां पर पत्थर चलते हैं, इतना ही नहीं पत्थरों के आगे बढ़ने का निशान वहां जमीन पर जमी हुई धूल पर भी पड़ जाता है।

वहां वैज्ञानिकों ने कुछ पत्थरों में जीपीएस ट्रैकर भी लगाकर देखा है, जिससे उन पत्थरों की गतिविधियों पर नजर रखा जा सके।वहां कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि इस विशालकाय झील के इलाके में अकसर काफी तेज-तेज हवा चलती हैं, इन हवाओं की वजह से ही पत्थर आगे की ओर बढ़ते हैं लेकिन किसी भी वैज्ञानिक ने अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं दिया है।

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