79 साल की लुइस यू अब तक 193 देश घूम चुकी है, सोशल मीडिया पर सांझा की तस्वीरें

ये महिला ट्रैवल एजेंट बनकर यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के तमाम देशों में घूम चुकी हैं। जब वो मूवी देखती थी तो उन्हें बैकग्राउंड में खूबसूरत सीन, नेचर, नदियां और पहाड़ दिखते थी जो उन्हें काफी रोमांचित करते थे।
Luisa Yu : लुईसा यू दुनिया की 193 सॉवरेन कंट्रीज घूम चुकी है। उनका ये लक्ष्य 79 साल की उम्र में पूरा हुआ। (Wikimedia Commons)
Luisa Yu : लुईसा यू दुनिया की 193 सॉवरेन कंट्रीज घूम चुकी है। उनका ये लक्ष्य 79 साल की उम्र में पूरा हुआ। (Wikimedia Commons)
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Luisa Yu : लुईसा यू दुनिया की 193 सॉवरेन कंट्रीज घूम चुकी है। उनका ये लक्ष्य 79 साल की उम्र में पूरा हुआ। मेडिकल टेक्नोलॉजी की फील्ड से अपना करियर शुरू करने वाली ये महिला ट्रैवल एजेंट बनकर यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के तमाम देशों में घूम चुकी हैं। जब वो मूवी देखती थी तो उन्हें बैकग्राउंड में खूबसूरत सीन, नेचर, नदियां और पहाड़ दिखते थी जो उन्हें काफी रोमांचित करते थे। 79 साल की उम्र में, उन्होंने दुबई में स्काइडाइविंग की, अंगोला की चट्टानों पर चढ़ाई की और वानुअतु में ज्वालामुखी के शीर्ष पर तारों को निहारा। आइए जानते है उनके बारे में की उन्होंने कैसे ये सफर तय किया।

$300 से शुरुआत की घूमना

यू का जन्म 1945 में फिलीपींस में हुआ था और जब वह 23 साल की थीं तो एक एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए सेंट लुइस चली गईं। स्नातक होने के बाद, यू ने कहा कि उसे एक मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में नौकरी मिल गई और अपने खाली समय में अमेरिका भर में यात्रा करना शुरू कर दिया। वह तीन वर्षों में 45 राज्यों का दौरा करना शुरू कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि,"मैं होटल का खर्चा नहीं उठा सकती थी इसलिए मैं देर रात वाले बस लेती थी ताकि मैं सो सकूं। सुबह में, मैं बाथरूम जाता, अपना चेहरा साफ करता, और दर्शनीय स्थलों की यात्रा शुरू करता।"

यू ने कहा कि उन्होंने इतने सारे देशों का दौरा किया और रास्ते में अनगिनत लोगों से मिलने के बाद, वे सभी उनके दोस्त बन गए। (Wikimedia Commons)
यू ने कहा कि उन्होंने इतने सारे देशों का दौरा किया और रास्ते में अनगिनत लोगों से मिलने के बाद, वे सभी उनके दोस्त बन गए। (Wikimedia Commons)

भारत में कर्नाटक राज्य घूम चुकी है

वो भारत के कर्नाटक राज्य में घूमने आईं थीं, यहां वो यक्षगान नृत्य करने वाले आर्टिस्ट से मिलीं। यहां का लिया गया तस्वीर उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सांझा किया है हालांकि भारत जैसे विशाल देश के किसी और राज्य की तस्वीर उनके सोशल मिडिया अकाउंट में नजर नहीं आई।

इस राह में उन्हें नए - नए दोस्त मिले

नोमैड मेनिया ने यू को 'यूएन मास्टर' के रूप में मान्‍यता दी है। यू ने कहा कि उन्होंने इतने सारे देशों का दौरा किया और रास्ते में अनगिनत लोगों से मिलने के बाद, वे सभी उनके दोस्त बन गए। लुइसा ने कहा, मैंने बहुत कुछ देखा और सीखा। मैं हमेशा कहती हूं, 'डरो मत, बाहर जाओ, यात्रा करो। किसी का इंतजार मत करो क्योंकि मौका नहीं छोड़ना चाह‍िए। हजारों नौकर‍ियां हैं, जिसे आप करते हुए शौक पूरे कर सकते हैं।'

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