अर्थव्यवस्था की दृष्टि से प्रमुख केंद्र बन जाएगी अयोध्या, लगने वाली है करोड़ों की भीड़

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह सबका उत्साह नजर आ रहा है, विशेषज्ञों के अनुसार रामलला से जुड़ी सामग्री के दम पर ही 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यापार होगा।
Religious Tourism - राम मंदिर समिति ने भी भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था की है कि रोजाना 70 हजार भक्त दर्शन कर सकेंगे। (Wikimedia Commons)
Religious Tourism - राम मंदिर समिति ने भी भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था की है कि रोजाना 70 हजार भक्त दर्शन कर सकेंगे। (Wikimedia Commons)
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Religious Tourism - नए-नए प्रोजेक्ट के कारण अयोध्या में पर्यटन के अलावा यूपी का विकास भी जोरों शोरों से हो रहा है पर्यटन विभाग के आंकड़े की बात करे तो वर्ष 2021 में जहां करीब तीन लाख पर्यटक ही पहुंचे थे, वहीं साल 2022 में यह आंकड़ा 85 गुना बढ़कर 2.39 करोड़ हो गया था। इसके अलावा यदि कारोबार की बात करें तो प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह सबका उत्साह नजर आ रहा है, विशेषज्ञों के अनुसार रामलला से जुड़ी सामग्री के दम पर ही 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यापार होगा।

राम मंदिर समिति ने भी भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था की है कि रोजाना 70 हजार भक्त दर्शन कर सकेंगे। पद्मनाभ स्वामी मंदिर, तिरुपति बालाजी, वैष्णोदेवी व सिद्धिविनायक मंदिर व काशी विश्वनाथ की तरह यहां भी भक्तों की सुविधा के लिए हर व्यवस्था की जा रही है। 5 अगस्त 2020 में जब राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ था तब से लेकर आज के अयोध्या में बड़ा बदलाव दिख रहा है। हजारों करोड़ की परियोजनाएं तो चल ही रही हैं, रामलला के सुलभ दर्शन के लिए रामपथ, भक्ति पथ और दर्शन पथ का निर्माण किया जा रहा है। कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, ताकि पर्यटक रामलला का दर्शन कर न लौट जाएं, बल्कि कुछ दिन अयोध्या में ही बिताएं। इसीलिए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग और इसके आसपास करीब 60 धार्मिक स्थल बनाने का प्रस्ताव है।

राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ था तब से लेकर आज के अयोध्या में बड़ा बदलाव दिख रहा है। (Wikimedia Commons)
राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ था तब से लेकर आज के अयोध्या में बड़ा बदलाव दिख रहा है। (Wikimedia Commons)

लघु कुटीर उद्योग का करना होगा विकास

पर्यटन के नजरिये से अयोध्या दुनिया के लिए बड़ा विकल्प बन गया है। यह अर्थव्यवस्था में बड़ा सहायक होगा। दक्षिण भारत मंदिरों जैसा मॉडल लागू करना होगा, ताकि भक्तों को असुविधा न हों। उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन को लेकर मापदंड तय करने होंगे। सरकार को लघु कुटीर उद्योगों का विकास करना चाहिए, ताकि पर्यटक यहां की वस्तुएं खरीदे और अयोध्या की निशानी साथ लेकर जाए।

एयरपोर्ट को इसीलिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिया गया है, ताकि दुनिया में हर जगह की उड़ान मिल सके। (Wikimedia Commons)
एयरपोर्ट को इसीलिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिया गया है, ताकि दुनिया में हर जगह की उड़ान मिल सके। (Wikimedia Commons)

अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका

दिनेश गोयल, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसो का कहना है कि आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप के अलावा पर्यटन की दृष्टि से देश को बहुत अच्छा मौका मिला है। दो वर्षों में अयोध्या की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। एयरपोर्ट को इसीलिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिया गया है, ताकि दुनिया में हर जगह की उड़ान मिल सके। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को देखते हुए अनुमान है कि देश में 50 हजार करोड़ का अतिरिक्त व्यापार होगा।

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