Sivok-Rangpo railway project : दुनिया में भारतीय रेलवे चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेलवे को देश के परिवहन क्षेत्र की रीढ़ भी कहा जाता है। यहां प्रत्येक दिन करीब 2.5 करोड़ यात्री ट्रेन में यात्रा करते हैं। वहीं पूरे सालभर यह आंकड़ा 800 करोड़ से ज्यादा हो जाता है। केवल यही नहीं अब भारतीय रेलवे बहुत तेजी से अपना नेटवर्क और बढ़ा रहा है। देश में तेजी से बढ़ते रेलवे नेटवर्क के बावजूद भी एक ऐसा राज्य हैं, जहां अब तक डायरेक्ट एक भी ट्रेन नहीं जाती है। अब तक इस राज्य में ना ही कोई पटरियां बिछी हैं और ना ही कोई रेलवे स्टेशन है। केवल नेशनल हाईवे-10 ही इस राज्य को शेष भारत से जोड़ता है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां साल भर यात्री घूमने के लिए आते है। दरहसल, हम बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम की। सिक्किम में स्वतंत्रता के इतने साल बाद भी यहां ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष फरवरी में सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन रेंगपो का शिलान्यास किया है। इस रेलवे स्टेशन के तैयार होने पर गंगटोक से नाथू लाल सीमा तक जाने वाले सिक्किम-चीन सीमा तक मजबूत रेलवे नेटवर्क तैयार हो जाएगा। पहले लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए पर्यटक पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी स्टेशन पहुंचकर ट्रेन पकड़ते थे। आपको बता दें कि न्यू जलपाईगुड़ी की दूरी सिक्किम से 187 किमी और सिलीगुड़ी से 146 किमी है। रेंगपो स्टेशन बन जाने के बाद यात्रियों को सिक्किम पहुंचने में राहत मिलेगी।
सिक्किम में रेलवे लाइन परियोजना 2022 में मंजूर की गई थी। परियोजना के तहत सिवोक से रंगपो के बीच करीब 44.96 किमी रेल लाइन बिछाई जा रही है। सिवोक से रंगपो के बीच रेलवे लाइन 14 सुरंगों से होकर गुजरेगी। इनमें सबसे लंबी सुरंग 5.30 किमी लंबी होगी तो वहीं सबसे छोटी सुरंग 538 मीटर की होगी। सिवोक और रंगपो समेत इस रेलवे रूट पर पांच स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें से चार स्टेशन सिवोक, रियांग, मेली और रंगपो खुले में होंगे। वहीं, तीस्ता बाजार रेलवे स्टेशन भूमिगत होगा। रंगपो का एक हिस्सा बंगाल और दूसरा सिक्किम में है। रंगपो नदी दोनों को अलग करती है। रंगपो से गंगटोक की सड़क से दूरी 2 घंटे रह जाएगी।