इस बार होली में बरसाना जाने का सोच रहे हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन करना न भूलें

ब्रज की विख्यात होली का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कृष्ण की नगरी ब्रज में पहुंचते हैं। यहां कई प्रकार की होली खेली जाती है लेकिन बरसाना की लट्ठमार होली पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
Temples of Barsana :बरसाना में राधा रानी मंदिर सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। (Wikimedia Commons)
Temples of Barsana :बरसाना में राधा रानी मंदिर सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। (Wikimedia Commons)
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Temples of Barsana : ब्रज की होली पूरी दुनियाभर में मशहूर है। यहां होली का त्योहार करीब 40 दिनों तक मनाया जाता है। ब्रज की विख्यात होली का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कृष्ण की नगरी ब्रज में पहुंचते हैं। यहां कई प्रकार की होली खेली जाती है लेकिन बरसाना की लट्ठमार होली पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यदि आप भी इस होली पर बरसाना आना चाहते हैं तो आपको बरसाना के कुछ प्रसिद्ध जगहों पर जरूर जाना चाहिए।

राधा रानी मंदिर

बरसाना में राधा रानी मंदिर सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर ब्रह्मांचल पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर को "लाड़ली जी का मंदिर और "राधारानी महल" के नाम से भी जाना जाता है। राधा जी का यह प्राचीन मंदिर मध्यकालीन है। यह मंदिर लाल और पीले पत्थर का बना है। राधा-कृष्ण को समर्पित इस भव्य और सुंदर मंदिर का निर्माण राजा वीरसिंह ने 1675 ई. में करवाया था। यहां से आपको बरसाना गांव का भी आकर्षक नजारा देखने को मिलेगा।

 इस मंदिर को "लाड़ली जी का मंदिर और "राधारानी महल" के नाम से भी जाना जाता है। (Wikimedia Commons)
इस मंदिर को "लाड़ली जी का मंदिर और "राधारानी महल" के नाम से भी जाना जाता है। (Wikimedia Commons)

नारायण भट्ट जी निवास स्थान

राधा रानी मंदिर से कुछ दूरी पर ही स्थित है नारायण भट्ट जी का निवास स्थान। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण ने ब्रज की खोज के लिए ही नारायण भट्ट जी को पृथ्वी लोक में भेजा था। राधारानी का विग्रह आज बरसाना के राधा रानी मंदिर में विराजमान हैं जो गोस्वामी नारायण भट्ट जी ने प्रकट किया था। बताया जाता है कि नारायण भट्ट श्री राधा रानी को अपनी पुत्री के रूप में पूजते थे। इसी कारण राधा को ब्रज के लोगों द्वारा प्यार से "लाडली" या "प्यारी बेटी" कहा जाने लगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, ललिता सखी और अन्य सखियों के साथ भगवान श्रीकृष्ण ने इसी सखिगिरी पर्वत पर सात फेरे लिये थे।(Wikimedia Commons)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ललिता सखी और अन्य सखियों के साथ भगवान श्रीकृष्ण ने इसी सखिगिरी पर्वत पर सात फेरे लिये थे।(Wikimedia Commons)

सखी ललिता का मंदिर

बरसाना गांव से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर ऊंचा गांव में राधारानी की प्रधान सखी ललिता का मंदिर स्थित है। यहां स्थित सखिगिरी पर्वत आज भी ललिता और कृष्ण के दिव्य विवाह का साक्षी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ललिता सखी और अन्य सखियों के साथ भगवान श्रीकृष्ण ने इसी सखिगिरी पर्वत पर सात फेरे लिये थे।

कीर्ति मंदिर

बरसाना का एक खास मंदिर कीर्ति मंदिर है। यह मंदिर देवी राधा और उनकी मां को समर्पित है। इस मंदिर का नाम कीर्ति देवी राधा की माता के नाम पर है। कीर्ति मंदिर दुनिया का ऐसा एकलौता मंदिर है जहां राधा रानी मां की गोद में है। मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे के दोनों तरफ अष्ट सखियां लाड़ली जी को निहारती नजर आएंगी।

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