भारत का एक ऐसा Railway ट्रैक जिस पर आज भी अंग्रेजों का कब्जा है

आपके लिए या यकीन करना शायद मुश्किल होगा कि आजादी के इतने साल बाद भी भारत के एक रेलवे ट्रैक (Railway Track) पर अंग्रेजो का कब्जा है।
भारत का एक ऐसा Railway ट्रैक जिस पर आज भी अंग्रेजों का कब्जा है (Newsgram)

भारत का एक ऐसा Railway ट्रैक जिस पर आज भी अंग्रेजों का कब्जा है (Newsgram)

Railway Track

न्यूजग्राम हिंदी: भारत (India) को आजाद हुए 75 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज भारत के पास सब कुछ अपना है और वह किसी के दबाव में नहीं जीता लेकिन आपके लिए या यकीन करना शायद मुश्किल होगा कि आजादी के इतने साल बाद भी भारत के एक रेलवे ट्रैक (Railway Track) पर अंग्रेजो का कब्जा है। जी हां, इस रेलवे ट्रैक का स्वामित्व आज भी ब्रिटेन (Britain) की एक निजी कंपनी के पास है।

<div class="paragraphs"><p>भारत का एक ऐसा Railway ट्रैक जिस पर आज भी अंग्रेजों का कब्जा है (Newsgram)</p></div>
भारत के इस रेलवे स्टेशन पर एंट्री के लिए चाहिए वीज़ा

इस रेलवे ट्रैक का नाम शकुंतला रेलवे ट्रैक (Shakuntala Railway Track) है और यह महाराष्ट्र (Maharashtra) में अमरावती (Amravati) से लेकर मुर्तजापुर (Murtajapur) तक फैला हुआ है। अंग्रेजों के वक्त में जब अमरावती में कपास की खूब खेती हुआ करती थी तो अंग्रेजों ने 1903 में कपास को मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए इस रेलवे ट्रैक को बनवाने का काम शुरू किया। यह काम क्लिक निक्सन एंड कंपनी के अंतर्गत स्थापित सेंट्रल प्रोविंस रेलवे कंपनी कर रही थी।

इस रेलवे ट्रैक का नाम शकुंतला रेलवे ट्रैक इसलिए रखा गया क्योंकि उस वक्त इस ट्रैक पर मात्र एक ट्रेन चला करती थी जिसका नाम शकुंतला पैसेंजर था।

<div class="paragraphs"><p>भारतीय रेलवे </p></div>

भारतीय रेलवे

Wikimedia Commons

आजादी के बाद ब्रिटेन की कंपनी और भारत के बीच एक समझौता हुआ जिसके अंतर्गत भारतीय रेलवे प्रत्येक वर्ष कंपनी को 1 करोड़ 20 लाख की रॉयल्टी देता है। भारत की ओर से कई बार इस रेलवे ट्रैक को खरीदने का प्रस्ताव रखा गया है लेकिन कोई नतीजा नहीं आ पाया है।

2020 से इस रेलवे ट्रैक को बंद कर दिया गई है क्योंकि यह रेलवे ट्रैक अब काफी पुराना हो गया है। भारत की ओर से प्रत्येक वर्ष इस रेलवे ट्रैक को बहुत सी रॉयल्टी दी जा रही है लेकिन इसकी मरम्मत का काम कभी नहीं कराया जाता।

PT

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com