न्यूयॉर्क में स्वयं पर हुए हमले के बाद प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने कहा मैं इतना बुरा भी नहीं हूं

रुश्दी पर पिछले साल अगस्त में न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में मंच पर हमला किया गया था जिसमें उनकी एक आंख की रोशनी चली गई।
प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने कहा मैं इतना बुरा भी नहीं हूं (IANS)

प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने कहा मैं इतना बुरा भी नहीं हूं (IANS)

न्यूयॉर्क

न्यूजग्राम हिंदी: सुप्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने कहा है कि उन्हें अभी भी टाइप करने और लिखने में काफी परेशानी हो रही है। कुछ महीने पहले रुश्दी पर अमेरिका (America) में जानलेवा हमला हुआ था जिसमें उनकी एक आंख की रोशनी चली गई। रुश्दी ने कहा कि वो भाग्यशाली रहे कि बच गए। "मैं भाग्यशाली था .. मैं कृतज्ञ हूं। मुझे अब ठीक लग रहा है। लेकिन, जो हुआ उसके बाद मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैं इतना बुरा भी नहीं हूं," उन्होंने 'द न्यू यॉर्कर' में पत्रकार-लेखक डेविड रेमनिक के साथ एक साक्षात्कार में ये बात कही, जिसे बीबीसी (BBC) ने रिपोर्ट किया है।

रुश्दी पर पिछले साल अगस्त में न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में मंच पर हमला किया गया था जिसमें उनकी एक आंख की रोशनी चली गई। उन्होंने कई हफ्ते अस्पताल में बिताए।

<div class="paragraphs"><p>प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने कहा मैं इतना बुरा भी नहीं हूं (IANS)</p></div>
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उन्होंने कहा "बड़ी चोटें ठीक हो गई हैं। फिजियोथिरेपी के बाद अंगूठे, तर्जनी और हथेली के निचले आधे हिस्से ने काम करना शुरू कर दिया है। मुझे बताया गया है कि मैं अब ठीक हूं।"

रुश्दी ने कहा कि उनकी कुछ उंगलियों में महसूस करने की कमी के कारण टाइप करना और लिखना मुश्किल है। उन्होंने यह भी कहा कि हमले के बाद अस्पताल के अलावा और कहीं नहीं गए।

रुश्दी ने कहा, मैं खुद से चल सकता हूं। जब मैं कहता हूं कि मैं ठीक हूं, तो मेरा मतलब ये है कि मेरे शरीर के कुछ हिस्सों की लगातार जांच की जरूरत है। यह एक बड़ा हमला था।

<div class="paragraphs"><p>मैं वास्तव में अभी तक उस हमले से उबर नहीं पाया हूं:&nbsp;सलमान रुश्दी</p></div>

मैं वास्तव में अभी तक उस हमले से उबर नहीं पाया हूं: सलमान रुश्दी

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उन्होंने कहा कि हमले से उन्हें मानसिक चोटें भी आई हैं और उन्हें सुरक्षा के प्रति अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करना पड़ रहा है। रुश्दी दो दशकों से अधिक समय से बिना सुरक्षा के रह रहे हैं।

उन्होंने कहा, मुझे लिखने में काफी परेशानी हो रही है। मैं लिखने बैठता हूं, लेकिन हो नहीं पाता। कभी कभी खालीपन लगता है। जो मैं लिखता हूं उसे अगले दिन मिटा देता हूं। मैं वास्तव में अभी तक उस हमले से उबर नहीं पाया हूं।

--आईएएनएस/PT

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