न्यूजग्राम हिंदी: जम्मू एवं कश्मीर (Jammu & Kashmir) के युवा, खासकर महिलाएं अब स्वरोजगार में विश्वास करने लगी हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी महिलाएं सामने आई हैं जो रूढ़ियों को तोड़कर अपने पैरों पर खड़ी हुई और न केवल स्वरोजगार अर्जित किया, बल्कि समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसका एक उदाहरण गांदरबल के केंद्रीय जिले की दो प्रतिभाशाली महिलाओं आरिफा बिलाल (Arifa Bilal) और रजिया मुश्ताक (Rajiya Mushtaq) से लिया जा सकता है, जिन्होंने जिले में कुरीतियों को तोड़ा और सफलता हासिल की।
जिले में महिलाओं के लिए पहला फिटनेस सेंटर आरिफा बिलाल ने 2017 में स्थापित किया था, जबकि रजिया मुश्ताक ने उनके साथ मिलकर इसी साल कंगन क्षेत्र में महिलाओं के लिए ही एक और फिटनेस सेंटर शुरू किया है। फिटनेस ट्रेनर होने के अलावा, आरिफा बिलाल जम्मू-कश्मीर की पहली महिला हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पॉवरलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीता है।
आरिफा बिलाल ने मार्शल आर्ट (Marshal Art) में कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के स्वर्ण पदक जीतकर अपना और अपने देश का नाम बनाया है। इसके अलावा, उन्होंने वॉलीबॉल के साथ-साथ कई अन्य खेलों में भी राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। आरिफा अब अन्य इच्छुक महिला एथलीटों को मंच प्रदान करने के लिए अपने जिले में फिटनेस सेंटर चला रही हैं।
आरिफा बिलाल की तरह लॉ ग्रेजुएट (Law Graduate) रजिया मुश्ताक ने जिले के कंगन इलाके में फिटनेस क्लब शुरू किया। रजि़या कहती हैं कि उन्होंने महसूस किया कि कंगन क्षेत्र में महिलाओं के लिए फिटनेस सेंटर की कमी है और यहां की महिलाएं फिटनेस सेंटर में शामिल होने से भी हिचकती हैं, इसलिए उन्हें कंगन क्षेत्र में महिलाओं के लिए जिम के बारे में सोचने पर मजबूर होना पड़ा।
जिम सेंटर शुरू करने में रजिया और आरिफा को कई चुनौतियों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन इन प्रतिभाशाली लड़कियों ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। रजिया के मुताबिक माता-पिता और दोस्तों के प्यार और समर्थन ने उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
आईएएनएस/PT