न्यूजग्राम हिंदी: जानलेवा ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के समय कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) में यात्रा कर रहे बिहार (Bihar) के एक परिवार के पांच सदस्य चमत्कारिक ढंग से बाल-बाल बच गए। पटना से अटल बिहारी अपनी पत्नी कुमारी सावित्री, सात और 11 साल की दो बेटियों और चार साल के बेटे के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस के एस2 कोच में अपनी बड़ी बेटी माही के मेडिकल चेक-अप के लिए चेन्नई जा रहे थे। हालांकि, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें इस तरह के विनाशकारी हादसे से गुजरना पड़ेगा।
ट्रेन हादसे की भयावह कहानी सुनाते हुए सावित्री ने कहा, "मेरा पूरा परिवार आराम के मूड में निचली बर्थ की सीटों पर एक साथ बैठा था। अचानक हमें एक बड़े विस्फोट जैसी आवाज सुनाई दी। इससे पहले कि हम कुछ सोच पाते, हमारा कोच पलट गया। चारों ओर घना अंधेरा था और हम अपने को धूल में लिपटे हुए पाए।"
उन्होंने कहा, "लोग रो रहे थे और हर कोई अपने प्रियजनों को ढूंढ रहा था। जब मैंने अपने बच्चों की तलाश की, तो मेरे पति ने कहा कि वह बेटे को अपने हाथों में पकड़े हुए हैं और सुरक्षित हैं। फिर मैंने पाया कि दोनों बेटियां भी सुरक्षित थीं। यह भगवान की कृपा है।"
अटल ने कहा कि उनका पूरा परिवार इमरजेंसी विंडो के जरिए पलटे हुए कोच से निकलने में कामयाब रहा।
अटल ने कहा, "मैंने देखा कि कोच के दरवाजे के पास बैठे और खड़े लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह मेरे परिवार के लिए पुनर्जन्म जैसा है..हम इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे।"
अपने परिवार से सभी को सुरक्षित पाकर अटल ने अपने बच्चों से कहा कि भगवान ने उन्हें बचा लिया है और अब चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
दो दिन होटल में रहने के बाद रविवार को अटल परिवार के साथ फिर से चेन्नई के लिए रवाना हुए।
शुक्रवार को बालासोर के बहनागा स्टेशन पर हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई और 1,000 से अधिक घायल हो गए।
--आईएएनएस/PT