न्यूजग्राम हिंदी: छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में गोबर और गोमूत्र को आय का जरिया बनाया गया है, इसी क्रम में अंबिकापुर (Ambikapur) में गोधन एम्पोरियम (Godhan Emporium) बनाया गया है, जहां लोगों को गोबर से बने उत्पाद आसानी से मिल रहे हैं। इसके जरिए जहां लोगों को रोजगार का अवसर मिला है, वहीं गोबर से बने उत्पाद खरीदने में रुचि रखने वालों को एक प्रिय स्थान। गोधन एम्पोरियम अम्बिकापुर शहरी गौठान का हिस्सा है। छोटे शॉपिंग मॉल जैसे दिखने वाले इस अनोखे एम्पोरियम में पूजा-पाठ, हवन आदि के लिए अंबिकापुर शहर के लोग गौ काष्ठ, अगरबत्ती खरीदते दिख जाते हैं। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में लिट्टी-चोखा के शौकिनों को गोबर के कंडे यहां मिल जाते हैं। वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग शहरी क्षेत्र के लोग घरों के गमलों के साथ ही अन्य बागवानी कार्यों के लिए कर रहे हैं। यहां गोबर पेंट भी उपलब्ध होता है, तापमान को रोकने की क्षमता के कारण यहां इसकी बिक्री भी हो रही है।
गोधन एम्पोरियम से अब तक तीन वर्षों में कुल 12 लाख 49 हजार रुपये की आमदनी हो चुकी है। यहां कार्यरत महिला सदस्यों ने बताया कि यहां से हर महीने समूह की महिलाएं एम्पोरियम से लगभग 40 हजार रुपये कमा रही हैं। यहां गौठान महिला समूह की दो महिला सदस्य बारी-बारी से तैनात रहती हैं। अन्य दुकानों की तरह सप्ताह में एक दिन मंगलवार को एम्पोरियम में अवकाश भी रहता है। यह एम्पोरियम अंबिकापुर शहरी गौठान का हिस्सा है। इसे गौठान से जुड़ी महिला समूह ही संचालित करती है, समूह की महिलाएं अंबिकापुर सिटी लेवल फेडरेशन की सदस्य हैं, यह फेडरेशन अंबिकापुर शहर में स्वच्छता के लिए काम कर रहा है। अब यहां गोबर से पेंट, बनाने और दोना पत्तल तैयार करने की यूनिट भी शुरू कर दी गई है। गौठान समूहों की सदस्यों को लाभांश के रूप में हर माह छह से सात हजार रुपये मिल जाता है।
अंबिकापुर सिटी लेवल फेडरेशन की अध्यक्ष शशिकला सिन्हा कहती हैं, "यह हमारे लिए एक अद्भुत अनुभव है। हमने अभी तक अनाज, कपड़े व अन्य वस्तुओं के शोरूम के बारे में सुना था, मगर यह कभी नहीं सोचा था कि हम अंबिकापुर शहर के मुख्य चौराहे पर आधुनिक साज-सज्जा से युक्त ऐसी दुकान चलाएंगे, जहां गोबर से बने उत्पाद बेचे जाएंगे।"