Father's Day: विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर मुंबई में पिता जैसा प्यार मिलने की भावनात्मक कहानी साझा की

फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री(Vivek Agnihotri) ने फादर्स डे के मौके पर ट्विटर पर एक भावनात्मक कहानी शेयर की।
Father's Day: विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर भावनात्मक कहानी साझा  की(Wikimedia Image)
Father's Day: विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर भावनात्मक कहानी साझा की(Wikimedia Image)
Published on
2 min read

न्यूज़ग्राम हिंदी: फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री(Vivek Agnihotri) ने फादर्स डे के मौके पर ट्विटर पर एक भावनात्मक कहानी शेयर की। पेइंग गेस्ट के तौर पर रहते हुए उन्होंने पिता जैसा प्यार पाया, उनकी इस कहानी को ट्विटर पर बहुत पसंद किया गया। ट्विटर पर अपनी कहानी बताते हुए उन्होंने लिखा कि शुरू शुरू में जब वह मुंबई आए थे तो उन्हें मुंबई के पॉश इलाके पाली हिल्स में एक कमरा किराए पर मिला था। यह कमरा उन्हें किन्ही भावनात्मक कारणों से सस्ता में मिला। कमरे के मालिक अपने बच्चों के साथ विदेश रहते थे लेकिन उनके मां बाप उसी अपार्टमेंट में रहते थे।

गरीबी के चलते अक्सर वह लिंकिंग रोड से भेलपूरी और वड़ा पाव जैसा स्ट्रीट फूड लाते थे और उनके माइक्रोवेव में गर्म कर चुपके से खाते थे। एक दिन एंटी ने उन्हें साथ खाने को बुलाया, अगले दिन वह ढेर सारी भेलपूरी लेकर गए और झिकझकते हुए साथ बैठे। अंकल ने खाते ही बताया कि किस तरह उन्होंने 20साल तक कोई भी स्ट्रीट फूड नही खाया क्योंकि उनके बच्चों ने उन्हें मना किया था। आगे चलकर अंकल आंटी के लिए स्ट्रीट फूड लाना एक रिवाज़ बन गया था।

Father's Day: विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर भावनात्मक कहानी साझा  की(Twitter)
Father's Day: विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर भावनात्मक कहानी साझा की(Twitter)

विवेक अग्निहोत्री आगे बताते हैं कि वह अक्सर ढूंढ ढूंढ के उनके लिए स्ट्रीट फूड लाते थे लेकिन यह बात अंकल ने उनके बच्चों से बताने को माना किया। अब उस वृद्ध दंपत्ति को हर दिन खाने का इंतजार रहता और दोनों के बीच भावनात्मक प्रेम बढ़ने लगा और वे एक परिवार बन गए। अंकल बहुत बूढ़े थे और चीज़ें भूलने लगे थे। एक समय ऐसा आया जब वह भूल गए कि मैं उनका असली बेटा नहीं हूं। एक वीटी स्टेशन के पास से पूरी और आलू की सब्जी ले गए। खाते ही अंकल ने मुझे अपने बेटे के नाम से बताया। आंटी ने बताया कि अपने नौकरी के दिनों में अंकल वहीं से दोपहर का भोजन करते थे हालांकि बच्चों के मना करने के बाद छोड़ दिया। खाने का आनंद लेकर वह अपने कमरे में गए और वहां से बक्सा ले आए। यह बक्सा देते हुए कहा कि मैंने इसे इस दिन के लिए रखा था कि जब तुम बड़े होकर अपने बेटे होने का कर्तव्य निभाओगे।

Father's Day: विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर भावनात्मक कहानी साझा  की(Wikimedia Image)
जल्द ही विजय देवरकोंडा के साथ एक फिल्म में नज़र आएंगी मृणाल ठाकुर

बक्सा खोलने पर मैने पाया फाउंटेन पेन जो अंकल के पिता ने उन्हें उपहार में दी थी। वह आगे बताते हैं कि अब वह यह पेन अपने बच्चे को देंगे जब वह उनके लिए बूढ़े होने पर उनका पसंदीदा भोजन लाएगा। साथ ही उन्होंने लिखा कि हम पैदा तो एक पिता के लिए होते हैं लेकिन हम कई पिताओं के बेटे हो सकते हैं। हैप्पी फादर्स डे लिखकर उन्होंने भावुक नोट समाप्त किया।

VS

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com