Homi J. Bhabha Death Anniversary: छुट्टियाँ मनाने आये भारत और बन गये परमाणु ऊर्जा के जनक

वह भारत में सिर्फ छुट्टियां मनाने की इरादे से आये थे लेकिन फिर वह यहीं रुक गए और नौकरी करने लगे। आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर जानिए परमाणु ऊर्जा के जनक की कहानी।
परमाणु ऊर्जा के जनक,  होमी जे. भाभा (Wikimedia commons)

परमाणु ऊर्जा के जनक,  होमी जे. भाभा (Wikimedia commons)

Homi J. Bhabha Death Anniversary

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 न्यूज़ग्राम हिंदी: BARC के संस्थापक होमी भाभा वह वैज्ञानिक हैं जिन्होंने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया। हालांकि वह भारत में सिर्फ छुट्टियां मनाने की इरादे से आये थे लेकिन फिर वह यहीं रुक गए और नौकरी करने लगे। आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर जानिए परमाणु ऊर्जा के जनक की कहानी।

 होमी जे. भाभा भारत के शक्तिशाली वैज्ञानिकों में से एक हैं। इनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई के अमीर पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से साल 1930 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग  और 1934 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी। पिता का सपना था कि वे होमी को इंजीनियर के रूप में देखें और वह टाटा की कंपनी में काम करें। हालांकि होमी ने 18 साल की उम्र में चिट्ठी लिखकर पिता को बताया कि उनका मन फिजिक्स में ज़्यादा है।

<div class="paragraphs"><p> भाभा भारत के शक्तिशाली वैज्ञानिकों में से एक हैं</p></div>

भाभा भारत के शक्तिशाली वैज्ञानिकों में से एक हैं

होमी जे. भाभा (Wikimedia Commons)

पिता को उन्होंने यह यकीन दिलाया कि वह इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करेंगे और ऐसा ही किया। आगे चलकर वे युवा वैज्ञानिक बने। आपको बता दें कि होमी भारत छुट्टियां मनाने के मकसद से आए थे लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के कारण उन्हें भारत में ही नौकरी करनी पड़ी। यह देश के लिए वरदान साबित हुआ। उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंसेज (IISc) में रीडर के रूप में ज्वाइन किया जहां उस समय सर सी. वी. रमण हेड थे। इसके बाद साल 1944 में भाभा ने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल साइंस की स्थापना की और भारत को परमाणु शक्ति में आत्मनिर्भर बनाने के काम पर लग गये।

 यूरोपियन रहन सहन के बीच बचपन गुज़ारने वाले होमी की जवारहार लाल नेहरू से खास दोस्ती थी। वह नेहरू को भाई कहकर पुकारा करते थे। उनकी दोस्ती के कारण होमी को परमाणु ऊर्जा के लिए काम करने का सपोर्ट मिला। भारत को परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल में आत्मनिर्भर बनाने के लिए होमी जे. भाभा ने कई प्रयोग और प्रयास किए। आज इन्हीं की देन है कि भारत परमाणु शक्तियों में से एक है।

<div class="paragraphs"><p>परमाणु ऊर्जा के जनक,&nbsp; होमी जे. भाभा (Wikimedia commons)</p></div>
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 क्वांटम थ्योरी को विकसित करने में भाभा ने नील्स भोहर के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1955 में भाभा को संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। यहां उन्होंने परमाणु ऊर्जा का गरीबों की भलाई में करने की सलाह दी।

उनकी मृत्यु 24 जनवरी 1966 को एक हवाई हादसे में हुई। श्रद्धांजलि स्वरूप मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की स्थापना हुई।

 VS

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