

सार
सोशल मीडिया ट्रेंड्स हमें आकर्षक लगते हैं, लेकिन वे हमारी मौलिकता और मानसिक शांति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
लगातार ट्रेंड्स के पीछे भागना हमारे आत्मविश्वास और आर्थिक संतुलन को बिगाड़ देता है।
असली खुशी और सफलता वायरल होने में नहीं, बल्कि अपनी पहचान बनाए रखने में है।
आज के समय में सोशल मीडिया (social media) हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। हर दिन कोई नया ट्रेंड वायरल होता है, कोई डांस, कोई मेकअप हैक, या कोई चैलेंज। लोग बिना सोचे-समझे उसमें शामिल हो जाते हैं। शुरुआत में यह मजेदार लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक दबाव बन जाता है। हर कोई चाहता है कि उसके पोस्ट पर ज्यादा लाइक्स और व्यूज़ आएं। इसी चाह में हम खुद को खोने लगते हैं। सोशल मीडिया ट्रेंड्स हमें मनोरंजन देते हैं, लेकिन साथ ही यह हमारी सोच, पहचान और आत्म-सम्मान पर असर डालते हैं।
सोशल मीडिया ट्रेंड्स बहुत जल्दी बदलते हैं। आज जो चीज़ फैशन (Fashion) में है, कल उसे कोई याद भी नहीं करता। लेकिन लोग उसे फॉलो करने के लिए घंटों मेहनत करते हैं, पैसे खर्च करते हैं और अपना समय गंवाते हैं। जब ट्रेंड खत्म हो जाता है, तो वही लोग खुद को खाली और थका हुआ महसूस करते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी ऊर्जा किसी स्थायी चीज़ में लगाएं, न कि ऐसी चीज़ों में जो बस कुछ दिनों की हैं।
सोशल मीडिया पर हर तस्वीर, हर वीडियो हमेशा “परफेक्ट” दिखती है। लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता। ये सब एडिटेड, फिल्टर लगे और बहुत सोच-समझकर बनाए गए कंटेंट होते हैं। जब लोग इनसे तुलना करते हैं, तो उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी अधूरी या कमतर है। यही सोच धीरे-धीरे आत्मविश्वास को कमजोर कर देती है। हमें याद रखना चाहिए कि हर किसी की जिंदगी अलग होती है और तुलना करने से हम सिर्फ दुखी होते हैं।
जब हम बार-बार ट्रेंड्स को फॉलो करते हैं, तो हम अपनी मौलिकता खोने लगते हैं। हर इंसान की अपनी सोच, पसंद और अंदाज़ होता है। लेकिन जब हम दूसरों की नकल करने लगते हैं, तो हमारी खुद की पहचान मिटने लगती है। असली खूबसूरती हमारी मौलिकता में है। अगर हम हर बार वही करें जो सब कर रहे हैं, तो हम कभी अपनी सच्ची पहचान नहीं बना पाएंगे।
हर वायरल (Viral) चीज़ सही नहीं होती। कुछ ट्रेंड्स तो इतने खतरनाक होते हैं कि लोगों की सेहत तक बिगाड़ देते हैं। उदाहरण के तौर पर, कई “डाइट चैलेंज” या “ब्यूटी हैक्स” ऐसे होते हैं जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता। कई बार लोग बिना सोचे-समझे उन्हें आज़मा लेते हैं और बाद में पछताते हैं। इसलिए जरूरी है कि किसी भी ट्रेंड को फॉलो करने से पहले उसकी सच्चाई जानें।
अक्सर ट्रेंड्स (Trends) लोगों को जरूरत से ज्यादा चीजें खरीदने पर मजबूर करते हैं। हर नया फैशन, हर नया प्रोडक्ट “मस्ट हैव” बन जाता है। इस वजह से लोग उन चीज़ों पर पैसे खर्च कर देते हैं जिनकी उन्हें जरूरत ही नहीं होती। यह आदत न सिर्फ जेब पर भारी पड़ती है बल्कि पर्यावरण (Environment) के लिए भी हानिकारक है। सोच-समझकर खर्च करना और जरूरत के अनुसार खरीदना ही समझदारी है।
हर वक्त सोशल मीडिया पर बने रहना और ट्रेंड्स के पीछे भागना तनाव बढ़ाता है। लोग बार-बार अपने फॉलोअर्स, लाइक्स और व्यूज़ देखते रहते हैं। जब उम्मीद के मुताबिक प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो उन्हें निराशा होती है। धीरे-धीरे यह चिंता, अवसाद और आत्म-संदेह का कारण बन सकता है। असली शांति तभी मिलेगी जब हम खुद से तुलना करना बंद करेंगे और खुद को स्वीकार करेंगे।
(Rh/BA)