Kumaoni Traditional Jewellery: यह पारंपरिक आभूषण कभी नही होंगे आउटडेटेड

कुंवारी लड़कियां इसे नहीं पहनती और शादी के समय यह मायके या ससुराल पक्ष में से किसी के भी द्वारा लड़की को भेंट किया जा सकता है। उसके बाद यह आभूषण सब शुभ मौकों पर पहना जाता है।
Kumaoni Traditional Jewellery:  कभी नही होंगे आउटडेटेड (Wikimedia)
Kumaoni Traditional Jewellery: कभी नही होंगे आउटडेटेड (Wikimedia)आभूषण सब शुभ मौकों पर पहना जाता है

दुनियाभर के विभिन्न देशों में विभिन्न प्रकार के आभूषण पहने जाते हैं। वही बात अगर अकेले भारत की हो रही हो तो यहां हर राज्य में तरह-तरह के पारंपरिक आभूषण पहने जाते हैं। इसी श्रृंखला में आज हम आपको कुमाऊनी महिलाओं के आभूषण के बारे में बताएंगे।

• पौछी

यह उत्तराखंड (Uttarakhand) की महिलाओं द्वारा हाथ में पहना जाने वाला बहुत ही सुंदर आभूषण है। इसकी कारीगरी कमाल की है यह आमतौर पर शादीशुदा लड़कियों द्वारा पहना जाता है। कुंवारी लड़कियां इसे नहीं पहनती और शादी के समय यह मायके या ससुराल पक्ष में से किसी के भी द्वारा लड़की को भेंट किया जा सकता है। उसके बाद यह आभूषण सब शुभ मौकों पर पहना जाता है।

• गलोबंद

उत्तराखंड की महिलाओं के द्वारा पहना जाने वाला यह दूसरा आभूषण है। यह गले में पहना जाता है और अधिकतर कुमाऊनी (Kumaoni) महिला इसे पहनती हैं। क्योंकि यह कुमाऊं की महिलाओं की पहचान से जुड़ा है। दादी, परदादी के जमाने में तो यह बहुत ही लोकप्रिय आभूषण हुआ करता था हालांकि यह आज भी उतना ही लोकप्रिय है। लेकिन अब इसकी डिजाइन में थोड़ा बदलाव देखने को मिलता है। यह सोने की धातु से बना होता है और यह बहुत सुंदर होता है। उत्तराखंड की संस्कृति को दिखाने वाला यह आभूषण मखमल के पट्टे के साथ सुई धागे सील कर तैयार किया जाता है।

Kumaoni Traditional Jewellery:  कभी नही होंगे आउटडेटेड (Wikimedia)
Kumaoni jewellery: भारत के इस राज्य की महिलाएं आभूषणों में देती हैं सबको मात

• मुंडे

दादी परदादी के जमाने का लोकप्रिय आभूषण कान में पहना जाता है। उस वक्त ही महिलाएं इसे बहुत शौक से पहना करती थी लेकिन आज की महिलाएं से खासा पसंद नहीं करती। यह सोने की धातु से बना होता है आकार में छोटा और वजन में बहुत भारी होता है।

• नथ

उत्तराखंड के इस आभूषण से तो लगभग पूरा भारत वर्ष वाकिफ है। यह पूरे भारत में पहनी जाती है। हमारी भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ी हुई है, यह भी विवाहित और सुहागन महिलाओं द्वारा ही पहनी जाती है। इसे भी शादी के वक्त मायके पक्ष या ससुराल पक्ष में से कोई भी लड़की को भेंट स्वरूप दे सकता है। और उसके बाद लड़की ताउम्र इसे विशेष आयोजनों पर पहनती है। यह सुख और सौभाग्य का प्रतीक है। इसमें कई डिजाइन उपलब्ध होते हैं लेकिन वक्त के साथ-साथ इसके डिजाइन बदलते जा रहे हैं। लेकिन बात अगर कुमाऊनी नथ की हो रही है तो यह सिर्फ एक गोल रिंग में बहुत कम डिजाइन के साथ ही बड़ी सुंदर दिखती है।

(PT)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com