आतंकवादियों से प्यार, सच दिखाने वालों से इंकार क्या है ट्विटर का वास्तविक चेहरा?

ट्विटर में हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी का अकाउंट सक्रिय जबकि इस्कॉन जैसी संस्था का ट्विटर हैंडल बंद कर दिया गया है
ट्विटर में हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी का अकाउंट सक्रिय जबकि इस्कॉन जैसी संस्था का ट्विटर हैंडल बंद कर दिया गया है

सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम जिसके द्वारा जनता अपनी बात दुनिया तक पहुंचाती है। अगर यही सोशल मीडिया अल्पिकेशन किसी विशेष प्रोपेगेंडा के लिए काम करने लगे तो दुनिया में उन लोगों का क्या होगा जिन लोगों पर अत्याचार होता है और वह अपने अत्याचार की कहानी सोशल मीडिया के माध्यम से सुनाते हैं।

आप लोग सोच रहे होंगे हम लोग पहेलियां क्यों बुझा रहे हैं, दरअसल हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी हिंदुओं के ऊपर नरसंहार बंद होने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी तरफ ट्विटर ने एक नया कारनामा कर दिया है जो अत्यंत निंदनीय है। ट्विटर ने इस्कॉन बांग्लादेश जैसे कई ट्विटर हैंडल हटा दिए हैं। आपको बता दें दुनिया तक बांग्लादेश के हिंदुओं की स्थिति बताने के लिए इस्कॉन बांग्लादेश और हिंदू यूनिटी काउंसिल ऑफ बांग्लादेश यह दोनों ट्विटर हैंडल प्रमुख थे जो अब ट्विटर में नहीं है।

ट्विटर के इन दोनों अकाउंट को हटाने के पीछे क्या वजह रही है यह अब तक सामने नहीं आई है। वही माना जा रहा है कि बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल के कुछ वीडियो सही नहीं थे जिनका बांग्लादेश से लेना-देना नहीं था जिस कारण ट्विटर ने उनका ट्विटर हैंडल हटा दिया। आपको बता दें, इस खबर को हमारे देश के 'दी वायर' जैसी कुछ साम्यवादी न्यूज़ एजेंसी ने तो खूब चलाया लेकिन बांग्लादेश में जब हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा था तब उसकी एक भनक तक उनको नहीं लगी थी।

खैर अब प्रश्न उठता है कि अनेक दंगा फैलाने वाले वीडियो जब ट्विटर में वायरल हो जाते हैं तब उन लोगों के अकाउंट सस्पेंड नहीं होते लेकिन बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल के शायद एक ही वीडियो जिसकी अभी तक पुष्टि भी नहीं हुई है कि वह गलत है? उस पर ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाता हैं। लेकिन ट्विटर ने बांग्लादेश इस्कॉन का कौन सा वीडियो देख लिया जिस कारण उन्होंने उनका ट्विटर हैंडल हटा दिया? आपको बता दें इस्कॉन एक ऐसी संस्था है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों में फैली हुई है जो हर दिन ना जाने कितने लोगों को भोजन करा देती है उसमें हिंदू ही नहीं अन्य संप्रदाय के लोग भी शामिल होते हैं। फिर भी ऐसी संस्था की एक इकाई का ट्विटर हैंडल सस्पेंड करके ट्विटर क्या संदेश देना चाहता है?

गौर करने वाली बात यह है कि ट्विटर पर इस्कान जैसी संस्था के टि्वटर हैंडल हटा दिए जाते हैं तो वहीं विश्व भर में आतंक के कारण लाखों लोगों का घर परिवार उजाड़ने वाले हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी का ट्विटर हैंडल नहीं हटता। क्या ट्विटर को लगता है कि वह हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी मानवता को बढ़ा रहे हैं? इस स्थिति को देखकर लगता है कि ट्विटर किसी विशेष एजेंडे को बढ़ावा देता है।

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