
दिल्ली इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति का नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय हो गया, सरकार के इस फैसले को डेप्युटी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से 2005 में रिटायर्ड हुए लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव ने इसे बिल्कुल सही ठहराया है। दरअसल इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से अमर जवान ज्योति जल रही है। वहीं 25 फरवरी, 2019 को नेशनल वॉर मेमोरियल में अमर जवान ज्योति प्रज्वलित की गई थी।
साल 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर हिंदुस्तानी सेना को कमांड कर रहे, लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव ने आईएएनएस को बताया कि, सरकार ने यह करके बिल्कुल सही कदम उठाया है, अमर जवान ज्योति अस्थाई थी। उस वक्त हमारे पास नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं था और अंग्रेजों का बना हुआ था। फिर इसमें बदलाव करके अमर जवान ज्योति लगाई गई थी।
अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा नैशनल वॉर मेमोरियल के अमर चक्र में जलने वाली लौ से मिलाया गया है। ( Wikimedia Commons )
अमर जवान ज्योति दो जगह नहीं हो सकती है। इंडियन आर्मी का नेशनल वॉर मेमोरियल एक ही हो सकता है और दूसरा की यह अंग्रेजों का बनाया है, प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में जिस वक्त हम लोग गुलाम थे और हमारी आर्मी ब्रिटिश इंडियन आर्मी कहलाती थी, लेकिन अब हम इंडिपेंडेंट इंडियन आर्मी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, जब हमारे देश में नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया, तो फिर दो जगहों पर क्यों अमर जवान ज्योति होगी, जिस तरह पार्लियामेंट भी एक है उसी तरह नेशनल वॉर मेमोरियल भी एक ही रहेगा।
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दरअसल दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, जिसमें पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े थे। हालांकि, इसमें कई भारतीय जवान भी शहीद हुए थे। इसके बाद इन्हीं शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति जलाने का फैसला लिया गया था। वहीं केंद्र सरकार ने साफ किया है कि इंडिया गेट पर लौ बुझाई नहीं जा रही है, उसके एक हिस्से का विलय किया जा रहा है। अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा नैशनल वॉर मेमोरियल के अमर चक्र में जलने वाली लौ से मिलाया गया है। (आईएएनएस – AS)