मिस्त्र के पुरातात्विक मिशन ने एक बार फिर कुछ अनोखा खोज निकाला

मिशन ने मिट्टी की ईंटों से बनी एक इमारत का भी पता लगाया जिसका इस्तेमाल बलि चढ़ाने के लिए किया जाता था।
मिस्त्र के पुरातात्विक मिशन ने एक बार फिर कुछ अनोखा खोज निकाला (IANS)

मिस्त्र के पुरातात्विक मिशन ने एक बार फिर कुछ अनोखा खोज निकाला (IANS)

समाचार एजेंसी शिन्हुआ

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न्यूजग्राम हिंदी: दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अक्सर पुरातत्वविद कुछ ऐसा खोज निकालते हैं जिन पर विश्वास करना असंभव सा हो जाता है। इसमें भी अगर मिस्र (Egypt) का नाम लिया जाए तो वहां आए दिन कोई ना कोई इतिहास से जुड़ी वस्तु मिलती ही रहती है। आज के इस लेख में हम आपको मिस्र की एक ऐसी ही खोज के बारे में बताएंगे। मिस्र के एक पुरातात्विक मिशन ने लक्सर (Laksar) शहर के पश्चिमी किनारे पर पारिवारिक मकबरों के एक समूह की खोज की है, जो मिस्र के दूसरे मध्यवर्ती काल (1677-1550 ईसा पूर्व) के हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ (News Agency Xinhua) ने मंत्रालय के हवाले से कहा, कब्रों को 50 मीटर गुणा 70 मीटर क्षेत्र में बनाया गया है, जिसमें 30 कुएं भी शामिल हैं।

दूसरे मध्यवर्ती काल के 13वें राजवंश के राजा सोबेखोटेप (Sekhemre Khutawy Sobekhotep)13 के एक मंत्री के लिए 10 टन का गुलाबी ग्रेनाइट का ताबूत एक कुएं में मिला था।

अंतिम संस्कार के चित्र उसी राजा के लिए बलिदान पेश करने वाले एक अन्य अधिकारी की छवियों से सजाए गए हैं।

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मिशन ने मिट्टी की ईंटों से बनी एक इमारत का भी पता लगाया जिसका इस्तेमाल बलि चढ़ाने के लिए किया जाता था। इमारत में मूर्तियां थीं, जिसमें चित्रलिपि चिह्न्, बड़ी संख्या में ताबीज और सैकड़ों अंतिम संस्कार टिकटें थीं।

लक्सर को अक्सर दुनिया का सबसे बड़ा ओपन-एयर संग्रहालय (Open Air Museum) कहा जाता है क्योंकि कर्णक और लक्सर में मिस्र के मंदिर परिसरों के खंडहर आधुनिक शहर के भीतर खड़े हैं।

इसके ठीक विपरीत, नील नदी के उस पार, पश्चिमी तट थेबन नेक्रोपोलिस के स्मारक, मंदिर और मकबरे हैं, जिसमें राजाओं और रानियों की घाटी शामिल हैं।

आईएएनएस/PT

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