खाने वाली दवा पर बना दिया मोनालिसा का चित्र

इसके बाद उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी सम्मानित किया। सबत अब बुंदेली चित्रकला पर काम कर रहे हैं और इस चित्रकला को दुनिया में पहचान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
Jhansi - झांसी के रहने वाले सबत खाल्दी ने एक अनोखी पेंटिंग बनाकर दुनिया को अचंभे में डाल दि है (Wikimedia commons)
Jhansi - झांसी के रहने वाले सबत खाल्दी ने एक अनोखी पेंटिंग बनाकर दुनिया को अचंभे में डाल दि है (Wikimedia commons)

Jhansi - चित्रकला से हम अपने विचारों, अपनी कल्पनाओं को एक रूप देते है। आप अपने जीवन में कई चित्र देखे होंगे, कुछ आप अपने लिविंग रूम या बेडरूम में भी खरीद कर लगाए होंगे। आप कपड़े, पत्ते, फर्श पर , मिट्टी के बर्तन या फिर दीवारों पर इन सभी जगहों पर चित्र आप हमेशा से देखते हुए आए हो लेकिन क्या आपने कभी खाने वाली दवा पर कोई चित्र देखा है? अवश्य ही आप सोच रहे होंगे की इतनी छोटी सी दवा पर आखिर क्या ही चित्र बन सकता है लेकिन झांसी के रहने वाले सबत खाल्दी ने एक अनोखी पेंटिंग बनाकर दुनिया को अचंभे में डाल दि है इतना ही नहीं दुनिया की सबसे मशहूर पेंटिंग मोनालिसा को सिर्फ 4 इंच की एक दवाई की गोली पर बनाकर कई रिकॉर्ड अपने नाम कर ली है जिस पेंटिंग को बनाने में लोगों को कई दिन लग जाते हैं उस पेंटिंग को इस युवा चित्रकार ने महज 40 सेकंड में बना दिया है।

 उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने  सम्मानित किया।  (Wikimedia Commons)
उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सम्मानित किया। (Wikimedia Commons)

कई सालो की मेहनत लगी

झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के विद्यार्थी सबत ने बताया कि वे वर्षो से ऐसा रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे थे। कठिन मेहनत और प्रयास के बाद जब उन्हें खुद पर भरोसा हो गया कि अब वह मोनालिसा पेंटिंग अच्छे से बना सकते हैं, तो, उन्होंने 4 इंच की एक दवाई की गोली पर पेंटिंग बनाने का काम करना शुरू किया। कई असफलताओं के बाद वे ये बनाने में सफल हुए। सबत बताते हैं की सबसे अधिक मुश्किल सही प्रकार का रंग चुनने में आई क्योंकि कई बार जो रंग वह चुनते थे, वह दवाई पर पड़ते ही उसे घुल जाते थे।

धार्मिक आयोजन, उत्सव और शुभ कार्यों की शुरुआत बुंदेलखंड की पारंपरिक चित्रकला के बिना अधूरी है।  (Wikimedia Commons)
धार्मिक आयोजन, उत्सव और शुभ कार्यों की शुरुआत बुंदेलखंड की पारंपरिक चित्रकला के बिना अधूरी है। (Wikimedia Commons)

बुंदेली चित्रकला को दिलाएंगे पहचान

जब वे पूरी तरह से समक्ष हो गए इसके बाद उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए अप्लाई किया। जल्द ही उनका रिकॉर्ड एक्सेप्ट कर लिया गया। इसके बाद उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी सम्मानित किया। सबत अब बुंदेली चित्रकला पर काम कर रहे हैं और इस चित्रकला को दुनिया में पहचान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।

क्या है बुंदेली चित्रकला?

बुंदेली चित्रकला लोक संस्कृति और परंपराओं की प्रतीक है। धर्म-दर्शन के प्रति आस्था की अभिव्यक्ति के रूप में लोक चित्रकला आज भी उतनी ही सशक्त और समृद्ध है जितनी एक शतक पहले रही है। धार्मिक आयोजन, उत्सव और शुभ कार्यों की शुरुआत बुंदेलखंड की पारंपरिक चित्रकला के बिना अधूरी है।

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