24-26 फरवरी, 2023 तक आयोजित किया जाएगा कलिंग साहित्य महोत्सव

तीन दिवसीय उत्सव में साहित्य, स्वतंत्रता, गणतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक समानता के बीच अंतसर्ंबधों के कई आयाम शामिल होंगे।
कलिंग साहित्य महोत्सव, 2015
कलिंग साहित्य महोत्सव, 2015Wikimedia
Published on
2 min read

कलिंग साहित्य महोत्सव (Kalinga Literary Festival) को पुनर्निर्धारित किया गया है और अब यह 24-26 फरवरी, 2023 तक आयोजित किया जाएगा। पहले यह महोत्सव 16-20 दिसंबर को भुवनेश्वर में होने वाला था। साहित्य (Literature), सिनेमा, मीडिया (Media) और राजनीति (Politics) की दुनिया से लगभग 400 हस्तियां 'भारत और विश्व' विषय पर विचार-विमर्श करने के लिए भुवनेश्वर में एकत्रित होंगी।

भारत (India) अनेक भाषाओं में लिखता है और अनेक स्वरों में बोलता है। राष्ट्र, भाषा और लोककथाओं में गहन समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए 'मर्ग' और 'देशी' परंपराओं को उत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा।

तीन दिवसीय उत्सव में साहित्य, स्वतंत्रता, गणतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक समानता के बीच अंतसर्ंबधों के कई आयाम शामिल होंगे।

कलिंग साहित्य महोत्सव
कलिंग साहित्य महोत्सव Wikimedia

प्रमुख सत्र लोकतंत्र (Democracy), सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, पीढ़ी, भारतीय भाषाओं, प्रकाशन उद्योग, पौराणिक कथाओं, मीडिया, बाजार, बच्चों, महिलाओं, ट्रांसजेंडरों (transgenders), नागरिक जुड़ाव, सिनेमा, खेल (sports), नैतिकता, भेदभाव, क्रांतियों, शांति निर्माण जैसे विषयों पर होंगे।

विषयों पर अग्रणी विशेषज्ञों के साथ कई एक-से-एक सत्र होंगे। कहानी सुनाने के सत्र होंगे जो उत्सव की साहित्यिक भावना में नया स्वाद जोड़ने का वादा करते हैं।

इसके अलावा, महोत्सव के दौरान 30 से अधिक नई किताबें और मोनोग्राफ (Monograph) जारी किए जाएंगे।

कलिंग साहित्य महोत्सव, 2015
गजानन माधव मुक्तिबोध जन्मदिन विशेष

उत्सव के दौरान साहित्य में चार पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे - कलिंग साहित्य पुरस्कार (ओडिया में एक प्रतिष्ठित लेखक के लिए), कलिंग अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (किसी भी वैश्विक भाषा में एक लेखक के लिए), कलिंग करुबाकी साहित्य पुरस्कार (महिला लेखकों के लिए) और कलिंगा साहित्यिक युवा पुरस्कार (किसी भी वैश्विक भाषा में एक युवा लेखक के लिए)।

केएलएफ की संस्थापक निदेशक रश्मि रंजन परिदा ने कहा, "कलिंग साहित्य महोत्सव (केएलएफ) का 9वां संस्करण आशा और आशावाद के वादे के साथ लौटा है। हम भुवनेश्वर के मंदिर शहर में साहित्यिक भावना की खुशी वापस लाने के लिए खुश हैं।"

आईएएनएस/RS

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com