BAPS Temple : बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में भव्य मंदिर बनाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों का दिल जीत लिया। 700 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह मंदिर भले ही हिंदू धर्म का है, मगर इसमें हर धर्म का योगदान दिखा है चाहे वह मुस्लिम धर्म हो या जैन या फिर बौद्ध धर्म।
स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने बी ए पी एस मंदिर के बारे में कहा, ‘यहा वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है। तापमान, दबाव और भूकंपीय गतिविधि को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे, यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है तो मंदिर इसका पता लगा लेगा और हम अध्ययन कर सकेंगे।' इस प्रकार इस मंदिर को वास्तुशिल्प के साथ - साथ विज्ञान से भी जोड़ दिया है।
यह पहला हिंदू मंदिर है जिसमें सभी धर्मों के लोगों की मेहनत शामिल है। इस मंदिर के निर्माण में एक मुस्लिम राजा ने जमीन दान की है। इस मंदिर का मुख्य वास्तुकार एक कैथोलिक ईसाई है और प्रोजेक्ट मैनेजर एक सिख है, फाउंडेशनल डिजाइनर एक बौद्ध है। मंदिर का कंस्ट्रक्शन कंपनी एक पारसी समूह है और इस मंदिर का डायरेक्टर जैन धर्म के है। कुल मिलाकर इस हिंदू मंदिर में हर धर्म के लोगों के प्रतिनिधित्व की झलक मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि आज वैश्विक संघर्षों और चुनौतियों के सामने विविधता में एकता का विचार हमें विश्वास देता है, इस मंदिर में विविधता में विश्वास की झलक दिखेगी। हिंदू धर्म के साथ-साथ कुरान की कहानियां भी उकेरी गई हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही वॉल ऑफ हार्मनी है। इसके बाद इस बिल्डिंग का इम्प्रेंसिव थ्री डी का अनुभव होगा, जिसे पारसी समाज ने शुरू करवाया है। लंगर की जिम्मेदारी के लिए सिख भाई आगे आए हैं। मंदिर के निर्माण में हर धर्म के लोगों ने काम किए हैं। मंदिर की सात मीनारें यूएई की 7 अमीरातों का प्रतीक है।