Bhojpuri Spoken In Mauritius : आप दुनिया के अलग-अलग देशों में जाएंगे तो आपको कोई न कोई भारतीय जरूर मिल जायेगा । चाहे जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यहां तक कि रूस भी चले जाइए, तो आपको भारतीय आसानी से मिल जाएंगे। हमारी एक खास बात यह है कि हम जहां भी गए, हमने अपनी सभ्यता, संस्कृति को कभी भी नहीं भुला इसी कारण बड़े से बड़े देश ही नहीं, मॉरिशस जैसे छोटे देश में भी भारतीय रहते हैं। आज हम इसी देश की बात करने जा रहे हैं, जहां कभी भारतीयों को बंधक बनाकर ले जाया गया था,इसी कारण आज यहां पर लोग भारत की एक चर्चित भाषा भी बोलते हैं।
मॉरिशस में भारतीय उच्चायोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार मॉरिशस की आबादी करीब 12 लाख है और इनमें से 70 फीसदी लोग भारतीय मूल के हैं। एक वक्त ऐसा था जब मॉरिशस ब्रिटिश और फ्रेंच कॉलोनी हुआ करता था। इसे ब्रिटिश राज से साल 1968 में आजादी मिली थी। साल 1729 में फ्रेंच का कब्जा था, तब राजमिस्त्री और कारीगरों की तरह काम के लिए सबसे पहले भारतीयों को पॉन्डिचेरी इलाके से यहां लाया गया था।जितने मजदूर यहां आए, उनमें से अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे जिनकी भाषा भोजपुरी थी।
1834 से 1900 की शुरुआत के बीच करीब 5 लाख भारतीयों को यहां ब्रिटिश द्वारा मजदूरी करने के लिए लाया गया था। जिसमें से दो-तिहाई मजदूर यहीं बस गए। इनमें से पहले बैच 36 लोगों का था जो 2 नवंबर 1834 को मॉरिशियस आए थे। वे जिस शिप से आए थे उसका नाम एटलस था और इस दिन को आज भी मॉरिशस में अप्रवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जितने मजदूर यहां आए, उनमें से अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे जिनकी भाषा भोजपुरी थी। बस इसी वजह से यहां भोजपुरी एक चर्चित भाषा बन गई। आज भी मॉरिशस में लोग भोजपुरी बोलते और समझते हैं। मॉरिशियस टाइम्स वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 की जनगणना के अनुसार मॉरिशियस की कुल आबादी 12 लाख से ज्यादा थी। इनमें से 5.3 फीसदी लोग भोजपुरी बोलते हैं, जबकि 2000 की जनगणना के अनुसार 12.1 फीसदी लोग भोजपुरी बोलते थे।